भू अर्जन विभाग ने सड़क के किनारे बसे पीड़ित के घर को किया ध्वस्त
रिपोर्ट: विनोद विरोधी
गया। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 को सिक्स लेन में बदलने को लेकर भू अर्जन विभाग ने जमीन अधिग्रहण के दौरान सड़क किनारे बसे एक शख्स का दुकान बीते 6 माह पूर्व बिना मुआवजा भुगतान किये पुलिस प्रशासन के सहयोग से जबरन ध्वस्त कर दिए जाने का मामला सामने आया हैं। मकान ध्वस्त करने के पश्चात पीड़ित मथुरा प्रसाद मुआवजे की राशि के लिए अधिकारियों के कार्यालय का लगातार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। जिले के बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत शोभ बाजार के रहने वाले पीड़ित मथुरा प्रसाद ने बताया कि भू अर्जन विभाग ने एन.एच.-2 के चौड़ीकरण को लेकर फरवरी 2016 में मेरे मकान व जमीन को अधिग्रहण की सूचना दी तथा मुआवजा हेतु दस्तावेज की मांग की। मैंने निर्धारित तिथि पर विभाग को सारा दस्तावेज मुहैय्या कराया लेकिन मुआवजा की राशि का भुगतान के लिए लगातार टाल मटोल करता रहा। बीते 8 जनवरी 2025 को भू अर्जन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस बल के सहयोग से उक्त जमीन पर बने मकान को जबरन ध्वस्त कर दिया जिसमें मुझे लाखों रुपए की क्षति भी हुई हैं। वहीं आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भुगतान में विलंब के पीछे पीड़ित मथुरा प्रसाद के विधवा भाभी द्वारा मुआवजे की राशि में हिस्सेदारी की बात बताई जा रही हैं। इस बाबत पूछे जाने पर पीड़ित मथुरा प्रसाद ने बताया कि मेरे अन्य भाइयों के बीच खानगी बंटवारा पूर्व में ही हो चुकी है तथा पैतृक संपत्ति में अलग-अलग जोत-कोड़ रहे है। इसके बावजूद विधवा भाभी असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर मुआवजा की राशि में दावेदारी कर रही हैं। जबकि उक्त जमीन का सारा दस्तावेज मेरे नाम पर हैं। इसके बाद भी विभाग मुआवजे की राशि भुगतान में अनावश्यक विलंब कर रही हैं। इस आशय को लेकर पीड़ित मथुरा प्रसाद ने जिलाधिकारी समेत विभागीय अधिकारियों के पास पत्र लिखकर शीघ्रताशीघ्र मुआवजा की राशि भुगतान की गुहार लगाई हैं। अब देखना है कि इसके बावजूद मुआवजे की राशि का भुगतान हो पाता है अथवा खुले आसमान के नीचे जीवन गुजरना होगा?
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