जिले में नवनामांकित नौनिहालो को विद्यालयों में चहक के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम केअंतर्गत चहकेंगे।
चहक कार्यक्रम केअंतर्गत नवनामांकित नौनिहाल चहकेंगे स्कूलों में।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
जिले में नवनामांकित नौनिहालो को विद्यालयों में चहक के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम केअंतर्गत चहकेंगे।
इस कार्यक्रम केअंतर्गत बच्चों को चित्रांकन,नृत्य,संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम,खेलकूद इत्यादि सीखेंगे। सभी तरह के सरकारी विद्यालयों में,कक्षा 1 में नवनामांकित बच्चों के लिए चहक कार्यक्रम 21अप्रैल से 15अगस्त तक चलेगा।केंद्र सरकार के निर्णय केअनुसार, यह कार्यक्रम लगातार 3 महीना तक चलेगा ताकि बच्चों को विद्यालयों में मन लगाने,विद्यालय में पढ़ाई लिखाई के प्रति उत्सुकता जगाने,आपसी प्रेम भाव, सद्भावना बढ़ाने,विद्यालय के माहौल से परिचित कराने के उद्देश्य से यह चहक कार्यक्रम चलाया जाएगा। विपरीत परिस्थिति में,बाढ़ आने, सुखाड़आने,अधिक गर्मी पड़ने
या अनेक विपदा की घड़ी में,
कस्टम पूरा नहीं होता है तो इसकी समय सीमाआगे भी बढ़ाई जा सकती है,इसमें शिक्षकों का भी योगदान रहेगा
पिछले तीन शैक्षणिक वर्षों में,
यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया गया था।इसमें कक्षा एक में पढाने वाले शिक्षक या वर्ग शिक्षक को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।इस बार प्रशिक्षित शिक्षक ही चहक कार्यक्रम का संचालन करेंगे।
कार्यक्रम के लिए चहक आधारित गतिविधियां का कैलेंडर 2025 तैयार किया गया है,इसी केअनुसार शिक्षक,प्रधान शिक्षक बच्चों के साथ गतिविधियां करेंगे।
शिक्षकों कोअगर दोबारा प्रशिक्षण लेने कीआवश्यकता होगी तो उन्हें दोबारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम को चलाने के लिए कक्षा एक के नवनामांकित छात्रों को अलग से वर्ग चलाया जाएगा।
इस कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक सामग्री,संसाधन जुटाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से इसकी राशिआवंटित की जाएगी। कार्यक्रम केअंतर्गत बच्चों को चित्रांकन,नृत्य,संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम,खेलकूद इत्यादि सीखेंगे। सभी तरह के सरकारी विद्यालयों में,कक्षा 1 में नवनामांकित बच्चों के लिए चहक कार्यक्रम 21अप्रैल से 15अगस्त तक चलेगा।केंद्र सरकार के निर्णय केअनुसार, यह कार्यक्रम लगातार 3 महीना तक चलेगा ताकि बच्चों को विद्यालयों में मन लगाने,विद्यालय में पढ़ाई लिखाई के प्रति उत्सुकता जगाने,आपसी प्रेम भाव, सद्भावना बढ़ाने,विद्यालय के माहौल से परिचित कराने के उद्देश्य से यह चहक कार्यक्रम चलाया जाएगा। विपरीत परिस्थिति में,बाढ़ आने, सुखाड़आने,अधिक गर्मी पड़ने
या अनेक विपदा की घड़ी में,
कस्टम पूरा नहीं होता है तो इसकी समय सीमाआगे भी बढ़ाई जा सकती है,इसमें शिक्षकों का भी योगदान रहेगा
पिछले तीन शैक्षणिक वर्षों में,
यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया गया था।इसमें कक्षा एक में पढाने वाले शिक्षक या वर्ग शिक्षक को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।इस बार प्रशिक्षित शिक्षक ही चहक कार्यक्रम का संचालन करेंगे।
कार्यक्रम के लिए चहक आधारित गतिविधियां का कैलेंडर 2025 तैयार किया गया है,इसी केअनुसार शिक्षक,प्रधान शिक्षक बच्चों के साथ गतिविधियां करेंगे।
शिक्षकों कोअगर दोबारा प्रशिक्षण लेने कीआवश्यकता होगी तो उन्हें दोबारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम को चलाने के लिए कक्षा एक के नवनामांकित छात्रों को अलग से वर्ग चलाया जाएगा।
इस कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक सामग्री,संसाधन जुटाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से इसकी राशिआवंटित की जाएगी।
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