रिपोर्ट: विनोद विरोधी
गया, बिहार।
लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने महिला आरक्षण बिल को समर्थन करते हुए कहा कि महिला आरक्षण बिल को लाया जाना महिला - पुरुष बराबरी पर आधारित समाज निर्माण के लिए एक सकारात्मक कदम है । उन्होंने कहा कि इससे देश के सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तन में सकारात्मक बदलाव तो आयेगा साथ ही महिलाओं में नेतृत्व और निर्णय की क्षमता का विकास होगा। उन्होंने जनगणना के बाद महिला आरक्षण बिल को लागू करने की जगह2024 के लोकसभा चुनाव से ही लागू करने की मांग की।.उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में 33 % आरक्षण के जैसे ही राज्यसभा और विधानपरिषदों में भी आरक्षण की मांग की । उन्होंने कहा कि बिल में दलित व आदिवासी महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान तो किया गया है पर पिछड़े और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है, जिसे करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि लोक समिति और छात्र - युवा संघर्ष वाहिनी जो लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा संस्थापित संगठन है। अपने जन्मकाल से ही महिलाओं को बराबरी का दर्जा के लिए संघर्ष व आवाज उठा रही है । बोधगया भूमि आंदोलन के दौरान महिलाओं के नाम से जमीन मिले इसके लिए लड़ाई लड़ी और सफल हुआ । परिणाम स्वरूप जिले में बहुतायत संख्या में महिलाओं के नाम से जमीन मिली।श्री आजाद ने कहा कि राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी के लिए यह बिल मील का पत्थर साबित होगा।
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