शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
जिला में पूर्ण शराबबंदी की आड़ में जिला के कोने-कोने में शराब खुलेआम बिक रही है।इसके साथ ही शराब तस्कर नए-नए ढंग से सक्रिय हैं,इनका नेटवर्क पूरे बिहार के साथ पूरे भारतवर्ष में सक्रिय है। इसी क्रम में संवाददाता को पता चला है कि मनवापुल थाने की पुलिस ने एक डीसीएम ट्रक से1746 लीटर विदेशी शराब बरामद की है। शराब को ट्रक के केबिन में बने गुप्त तहखाने में छुपाया गया था।पुलिस ने मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है जबकि ट्रक और दो मोबाइल फोन भी जप्त किया गया है। सबसे बड़ा प्रश्न यह खड़ा होता है कि यह शराब से लदा ट्रक बिहार में दाखिल होने के बाद बगहा पुलिस जिला होते हुए पांच थाना क्षेत्र की सीमा पार कर मानवापुल कैसे पहुंच गया।शराबबंदी के बीच इतनी बड़ी खेप का पकड़ा जाना स्थानीय पुलिस की चौकसी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार,पुलिस अधीक्षक,डॉक्टर शौर्य सुमन के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत मनवापुल पुलिस ने ट्रक को शक के आधार पर रोका। तलाशी लेने पर ट्रक के केबिन में बने गुप्त तहखाने से शराब की बड़ी खेप मिला। एक बेहद सुनिश्चित तरीके से छुपाई गई थी,ताकि सामान जांच में पकड़ में ना आए।पुलिस ने संवाददाता को बताया कि गिरफ्तारों के खिलाफ शख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है वहीं पुलिस कप्तान ने स्पष्ट कहा है कि शराबबंदी कानून तोड़ने वालों को किसी भी हालत में बखसा नहीं जाएगा और शराब माफिया पर कड़ी से कड़ी नजर रखी जाएगी। शराब माफियाओं के खिलाफ लगातारअभियान चलता रहेगा। पुलिस प्रशासन के द्वारा शराब माफियाओं की पर कार्यवाही तो की जा रही है, मगर दिन प्रतिदिन शराबी शराबी कर सड़क के किनारे पड़े रह रहे हैं इतना ही नहीं एक अजब नजारा देखने को मिला के साठी थाना के गेट पर एक शराब पीकर शराबी पड़ा हुआ है,और पुलिस प्रशासन मुक्दर्शक बनी हुई है।
इस तरह कीअनेक घटनाएं दिन प्रतिदिन देखने सुनने को मिल रही है,मगर सरकार है कि इसको मानने को तैयार नहीं है। शराबबंदी को लेकर पुलिस प्रशासन का अवैध कमाई का जरिया बन गया है, इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन के लिए यह धंधा कामधेनु गाय की तरह हो गई है।
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