कार्यशाला में विभिन्न इकाइयों के प्रमुखों ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की।
ब्यूरो चीफ फुरकान कुरैशी एडवोकेट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के निदेशक श्री ओम प्रकाश उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का प्रयोग बढ़ाना समय की मांग है। उन्होंने धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले प्रपत्रों को राजभाषा अधिनियम के अनुरूप हिंदी में तैयार करने पर बल दिया। श्री ओम प्रकाश ने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार समय-समय पर हिंदी में कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को नगद पुरस्कार एवं प्रोत्साहन योजनाओं से सम्मानित करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय संचार ब्यूरो, लखनऊ के निदेशक श्री मनोज कुमार वर्मा ने कहा, “हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें गर्व होना चाहिए कि हम हिंदी भाषी प्रदेश में रहते हैं। प्रत्येक कर्मचारी को कार्यालयीन कार्य हिंदी में करने का संकल्प लेना चाहिए।”
कार्यक्रम समन्वयक एवं क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी/राजभाषा अधिकारी श्री जय सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि सभी विभागों को राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप कार्य करना चाहिए, जिससे उनके कार्यालय का नाम राजभाषा विभाग में सर्वश्रेष्ठ घोषित हो सके।
कार्यशाला का संचालन श्री राजेंद्र विश्वकर्मा ने किया। अपने साहित्यिक ज्ञान और रोचक अंदाज से उन्होंने पूरे कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
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