कानपुर, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पदाधिकारी ने जिलाधिकारी माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सोपा! ज्ञापन के दौरान कहां कि उ०प्र० की औद्योगिक नगरी कानपुर महानगर की पुलिस लाइन में आजादी से पूर्व में मुस्लिम सिपाहियों एवं समाज के नमाज पढ़ने हेतु एक मस्जिद तामीर की गई थी जहाँ पर तब से बराबर पांचों वक्त की नमाज़ व जुमे की नमाज़ अदा की जाती रही। 11 जुलाई 2025 को जुमे की नमाज़ अदा करने जब नमाज़ी मस्जिद गये तो वहाँ मस्जिद के गेट पर ताला पड़ा था और दो पुलिस के सिपाही खड़े थे जिन्होंने कहा कि आई.जी. साहब ने ताला डलवाया है।यहाँ नमाज़ नही होगी। 1991 धर्मस्थल अधिनियम अनुसार 1947 ई0 में स्वतंत्रता के समय देश के जो भी पूजा स्थल जिस प्रकार थे वैसे ही रहेंगें। यह कानून है तो फिर इस मस्जिद में ताला कैसे डाला जबकि भारतीय विधान भारत के हर नागरिक को उसकी आस्था अनुसार धर्म की आजादी की जमानत देता है। जिसे नागरिकों के मूल अधिकार के रूप में दिया गया है जो हमारे संविधान की मुख्य विशेषता है परन्तु कानपुर आई.जी. द्वारा पुलिस लाइन की मस्जिद को बन्द करना देश की लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में हमारे मूल अधिकारों के विपरीत है।आपसे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि इस विषय को गम्भीरता से संज्ञान में लेते हुए न्यायोचित कार्यवाही करते हुए संविधान की रक्षा करेंगी।
ज्ञापन के दौरान जिला अध्यक्ष अतीक अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष इश्तियाक निजामी नगर अध्यक्ष इसरार अहमद कुमेल अंसारी जिला अध्यक्ष यूथ रिजवान अंसारी महासचिव हाजी अतहर पूर्व नगर अध्यक्ष शफी बाबू इत्यादि लोग रहे।
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