चार घंटे की भागदौड़ के बाद हैलेट में मिली नई सांस।
घाटमपुर के जलभराव से प्रभावित क्षेत्र में गड्ढे में गिरा डेढ़ साल का मासूम।
एसडीएम, ट्रैफिक पुलिस, सीएमओ सब अलर्ट, गोल्डन ऑवर में मिला इलाज।
हफीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
3 अगस्त घाटमपुर के महुआपुरवा गांव में शनिवार सुबह एक साल आठ महीने का कपिल नाम का बच्चा पानी से भरे गड्ढे में गिर गया। वह अचेत था, लेकिन साँसें चल रही थीं। सुबह करीब सात बजे उपजिलाधिकारी घाटमपुर अबिचल प्रताप सिंह को परिजनों की घबराई हुई कॉल मिली। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसे 'ऑपरेशन संजीवनी' नाम दिया गया।
परिजनों ने पहले हमीरपुर अस्पताल पहुँचाया, जहाँ से हालत गंभीर देखते हुए हैलेट रेफर किया गया। रास्ते में न एम्बुलेंस फंसी न ट्रैफिक में देरी हुई क्योंकि जिले के ट्रैफिक कंट्रोल रूम से लेकर हैलेट के इमरजेंसी गेट तक पूरा सिस्टम बच्चे की साँसों को बचाने में लगा था।डीएम को भेजी पहली कॉल, फिर शुरू हुई कड़ी से कड़ी जुड़ने की प्रक्रिया एसडीएम ने सबसे पहले जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह को जानकारी दी। इसके बाद 108 एम्बुलेंस की आवाजाही सुचारु हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को एसीपी घाटमपुर कृष्णकांत की ओर से निर्देश दिए गए। सीएमओ को हैलेट की इमरजेंसी टीम को अलर्ट रखने को कहा गया। एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले ही डॉक्टर मौजूद थे।एम्बुलेंस के अंदर से वीडियो कॉल पर परिजनों को भरोसा देते रहे अफसर रेफर के बाद हैलेट तक का सफर करीब डेढ़ घंटे चला। इस दौरान एसडीएम लगातार वीडियो कॉल पर बच्चे की माँ और चाचा से जुड़े रहे। मेडिकल टीम की तैयारी और हर अपडेट सीधे परिजनों को देते रहे।इलाज शुरू होने के 40 मिनट के भीतर मिली चेतना,खतरे से बाहर बताया!
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025