सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
माह-ए-रमज़ान सब्र, भलाई, रहमत और बरकत का महीना है। रमज़ान में मुसलमान गरीब, असहाय और जरूरतमंदों का ख्याल रख कर उनकी मदद कर रहे हैं। रमज़ान में अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर उन्हें जहन्नम से आजादी का परवाना अता करता है। माह-ए-रमज़ान की सुबह-शाम खैर व बरकत में गुजर रही है। तरावीह की नमाज़ का सिलसिला जारी है। कई मस्जिदों में तरावीह नमाज़ के दौरान एक कुरआन-ए-पाक मुकम्मल हो चुका है। मस्जिदों में रमज़ान का विशेष दर्स जारी है। पूरी दुनिया में अमनो अमान की दुआ मांगी जा रही है। रमज़ान का मुबारक महीना और फिजा में घुली रूहानियत से दुनिया सराबोर हो रही है, ऐसा लगता है कि चारों तरफ नूर की बारिश हो रही हो। साढ़े छह गली नखास में इत्र व टोपी की खूब बिक्री हो रही है। अख्तर आलम ने बताया कि रमज़ान में उनके यहां तमाम तरह के इत्र व अलग-अलग किस्म की टोपियां बिक रही हैं।
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