Tranding

रमज़ान में की गई इबादत बहुत असरदार - हाफिज सद्दाम

सैय्यद फरहान अहमद 

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

कलशे वाली मस्जिद मिर्जापुर में तरावीह की नमाज पढ़ा रहे हाफिज सद्दाम हुसैन निज़ामी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में अक्सर आमाल किसी ने किसी रूह परवर वाकया की याद ताजा करने के लिए मुकर्रर किए गए हैं। रमज़ान में से कुछ दिन पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने गारे हिरा में गुजारे थे। इन दिनों में आप दिन को खाने से परहेज करते थे और रात को इबादत में मशगूल रहते थे। तो अल्लाह ने उन दिनों की याद ताजा करने के लिए रोज़े फ़र्ज़ किए ताकि उसके पैगंबर की सुन्नत कायम रहे। रोज़ा पिछली उम्मतों में भी था। मगर उसकी सूरत हमारे रोजों से जुदा थी। विभिन्न रिवायतों से पता चलता है कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम हर माह 13, 14, 15 को रोज़ा रखते थे। हज़रत नूह अलैहिस्सलाम हमेशा रोजेदार रहते थे। हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम एक दिन छोड़कर एक रोज़ा रखते थे। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम एक दिन रोज़ा रखते और दो दिन न रखते थे। रमज़ान के महीने में की गई अल्लाह की इबादत बहुत असरदार होती है। इसमें खान-पान सहित अन्य दुनियादारी की आदतों पर आदमी संयम करता है। आदमी अपने शरीर को वश में रखता है साथ ही तरावीह और नमाज़ पढ़ने से बार-बार अल्लाह का जिक्र होता रहता है जिसके द्वारा इंसान की रूह पाक-साफ होती है।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
48

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025