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कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई बेरोजगारी के विरोध में वार्ता का आयोजन किया।

हफ़ीज अहमद खान

कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।

केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेसियों ने तिलक हाल मिस्टर रोड में बात आयोजन किया वार्ता के दौरान कहा कि हम अडानी के हैं कौन श्रृंखला में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के लिए मुख्य बिंदु:देश में बढ़ती महंगाई, उच्चतम बेरोजगारी और कुशासन की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित विभाजनकारी एजेंडे का दंश झेल रहे देशवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। लेकिन एक जिम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते हम भाजपाई सत्ता के मित्र पूंजीपतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अडानी महाघोटाले में हो रहे घोटालों से भी चिंतित हैं। सरकार ने राहुल गांधी के सवालों और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंशों को बेशक संसदीय कार्यवाही से हटा दिया हो लेकिन भारत के लोग सब देख रहे हैं कि संसद में क्या हो रहा है। लोग जानना चाहते हैं कि सरकार संसदीय भाषणों का स्तर गिराने की कोशिश क्यों कर रही है और प्रधानमंत्री संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।

भारत के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और वे मोदी जी और उनके मित्र पूंजीपतियों के बीच संपूर्ण पारस्परिक तालमेल को समझ सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने से पहले काला धन भारत वापस लाने और हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपए डालने का वादा किया था लेकिन आज की कड़वी सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के पिछले वार्षिक डेटा के मुताबिक 2021 में स्विस बैंकों में जमा भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों का पैसा 14 वर्षों के उच्चतम स्तर 3.83 बिलियन स्विस फ्रेक्स (30,500 क अधिक) पर पहुँच गया है।

1992 में हर्षद मेहता मामले की जाँच के लिए एक जेपीसी का गठन हुआ था जबकि 2001 में एक जेपीसी ने केतन पारेख मामले की जाँच की थी। प्रधानमंत्री मोदी को किस बात का डर है? क्या उनके अधीन एक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष जाँच की कोई उम्मीद है?

एलआईसी द्वारा खरीदे गए अडानी समूह के शेयरों का मूल्य 30 दिसंबर, 2022 को 83,000 करोड़ रुपए था जो 15 फरवरी, 2023 को घटकर 39,000 करोड़ रुपए रह गया, यानि 300 करोड़ एलआईसी पॉलिसी धारकों की बचत के मूल्य में 44,000 करोड़ रुपए की कमी। 

प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से नौशाद आलम मंसूरी, अमित पाण्डेय, हरिकृष्ण भारती, मदन मोहन शुक्ला, शंकर दत्त मिश्र, दिलीप शुक्ला, सिराज अहमद कुरैशी, लल्लन अवस्थी, त्रिलोकी त्रिवेदी, राधेश्याम कश्यप, इम्तियाज रईस आदि उपस्थित थें।

Karunakar Ram Tripathi
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