रिपोर्ट: विनोद विरोधी
गया, बिहार।
भ्रष्टाचार के आरोपी मगध विश्वविद्यालय (MU)के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने आखिरकार सरेंडर कर दिया। वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपी राजेंद्र प्रसाद फरार चल रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) बिहार और यूपी में लगातार छापेमारी कर रही थी। लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। लगातार हो रही छापेमारी को देखते हुए राजेन्द्र प्रसाद ने आज आत्मसमर्पण कर दिया।
एमयू के पूर्व कुलपति ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी लेकिन उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। जिसके बाद से वे फरार चल रहे थे। विशेष निगरानी इकाई ने उन्हें कई बार समन जारी किया लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। एसवीयू की लगातार कार्रवाई से घबराकर उन्होंने आज सरेंडर कर दिया। बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में पटना,गोरखपुर,बोधगया सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी। जहां से 3 करोड़ कैश और 30 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था।
पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद पर आरोप यह था कि उन्होंने 30 करोड़ रुपए का बंदरबांट किया था। टेंडर प्रॉसेस को दरकिनार कर लखनऊ की दो कंपनियों को मगध विश्वविद्यालय में सामान सप्लाई का जिम्मा दिया था। बता दें कि राजेंद्र प्रसाद यूपी के गोरखपुर के रहने वाले हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ यूपी में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। जब वे प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति बने थे तभी से चर्चा में आ गये थे।
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