सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
एमए एकेडमी व मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के संयुक्त तत्वावधान में समर कैंप का तीसरा दिन गुस्ल, वुजू और कहानी पाठ व कविता लेखन के नाम रहा। कई बच्चों ने कविताएं लिखीं। दिलचस्प कहानियां सुनाई। बच्चों को ईनाम दिया गया। बच्चों के लिए तैयार कोंपल पत्रिका भी भेंट की गई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत समीर ने की। नात-ए-पाक रहमत अली ने पढ़ी। कारी मुहम्मद अनस रजवी ने गुस्ल के तीन फर्ज व वुजू के चार फर्ज का तरीका शानदार अंदाज में प्रैक्टिकल के जरिए सिखाया
सामाजिक कार्यकर्ता प्रसेन व अम्बरीष ने कई शानदार गीत प्रस्तुत किए। बच्चों को कविता व कहानी पाठ के फायदे बताए। उन्होंने कहा कि कहानी पाठ, सुनने के कौशल को बेहतर बनाता है, शब्दावली को बढ़ाता है, और बच्चों को दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, कहानियों के माध्यम से, बच्चों को नई अवधारणाओं, भावनाओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में सिखाया जा सकता है। बच्चे कहानियों को सुनने के दौरान ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं। कहानियों में नए शब्द और वाक्यांश होते हैं, जिससे बच्चों की शब्दावली बढ़ती है। कहानियाँ बच्चों को भाषा के सही उपयोग और संरचना को समझने में मदद करती हैं, जो उनकी भाषा विकास में सहायक होती है। कहानियाँ बच्चों को नई चीजें कल्पना करने और रचनात्मक सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। कहानियाँ बच्चों को जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि नैतिक निर्णय, सफलता और असफलता के बारे में सिखाती हैं।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क की तरक्की की दुआ मांगी गई। इस दौरान मुहम्मद नसीम फारुकी, सैयद शम्स, सीमा परवीन, मुनव्वर अहमद, निदा फातिमा, सना फातिमा, शिफा खातून, फिजा, खदीजा, शहजादी, सादिया, अब्दुस्समद आदि मौजूद रहे।
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