Tranding

लोक सभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पास होने पर प्रतिक्रिया

शहाबुद्दीन अहमद

बेतिया, बिहार

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पास हो जाने पर मुस्लिम जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने तौर पर विभिन्न तरीके से प्रतिक्रिया दी है,सभी ने इस बिल के पास होने पर विरोध जताया है। जिला के मानवअधिकार कार्यकर्ता, सुरैया सहाब एवं जिला वक्फ कमेटी के पूर्व उप सचिव, सैयद शहाबुद्दीन अहमद नेअपनी प्रतिक्रिया में,कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह काला दिन है,क्योंकि इस बिल द्वारा भारतीय लोकतंत्र की हत्या करते हुए सीधे तौर पर धार्मिक मामलों, धार्मिक संस्थाओं पर हमला है जिस प्रकार इस बिल के जरिय वक्फ काउंसिल और बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा,जबकि किसी दूसरे धार्मिक ट्रस्ट के संस्थाओं में कानूनी रूप में दूसरे धर्म का व्यक्ति शामिल नहीं हो सकता।आज 75% से अधीक वक्फ की मस्जिदों, मदरसो,खानकाहों कब्रिस्तानों दरगाहों की शक्ल में हैं,इसके बाद भी यह कहना कि यह धार्मिक मामला नहीं है,इस बिल को पास हो जाने से बहुत सारे वक्फ संपतियों को नुकसान होगा,इस बिल में, पुराने कानून सेक्शन 40 में रिलीजन टू बिलीव के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी प्रॉपर्टी पर दावा करता है तो उस प्रॉपर्टी का मालिक सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में हीअपील कर सकता है,मगर नए बिल के अनुसार, प्रॉपर्टी का मालिक ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट,सिविल कोर्ट,याअन्य ऊपरी कोर्ट मेंअपील कर सकेगा।पुराने कानून से वक्फ ट्रिब्यूनल काआदेशआखिरी माना जाता है,उसे चुनौती नहीं दी जा सकती,मगर नए बिल के अनुसार वक्फ ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय मेंअपील की जा सकती है, जिससे लड़ाई लंबी चल सकती हैं।पुराने कानून केअनुसार,किसी जमीन पर मस्जिद हो या उसका उपयोग इस्लामिक कामों के लिए होता है,वह स्वत: वक्फ संपति होती है, परंतु नए बिल से जब तक किसी ने उस भूमि को मस्जिद के नाम दान निबंधित नहीं किया है,तो वह वक्फ संपति नहीं मानी जाएगी। 

वक्फ बोर्ड में महिलाओं और अन्य धर्म के लोगों की नियुक्ति नहीं होती थी,परंतु अब वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं,दो अन्य धर्म के सदस्यों की नियुक्ति होगी।नए बिल से वक्फ का परंपरागत ढांचा बदल जाएगा वक्फ संपतियों का रजिस्ट्रेशन जिला मजिस्ट्रेट केऑफिस में किया जाएगा,जो पहले वक्फ बोर्ड में होता था,जिससे सरकार का नियंत्रण बढ़ेगा, वक्फ बोर्ड का वक्फ संपतियों में दखल कम होगा। नए बिल के अनुसार पूर्व में विवादित भूमि वक्फ की भूमि नहीं मानी जाएगी,यह कानून उन अतिक्रमणकरियों के लिए क्लीन चिट होगा,जिन्होंने वक्फ की संपति पर, अतिक्रमण किया है,यह बिल इस्लाम के साथ मुस्लिम विरोधी है,वक्फ,गरीबों,के लिए है,वक्फ मस्जिदों,मदरसों के लिए है,वक्फ दरगाहों, मुस्लिम संस्थाओं,स्कूलों, मदरसन,कालेजों के लिए है, ना किअदानी, अंबानी जैसे उद्योगपतियों के लिए है,जिन लोगों ने वक्फ की भूमियों पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं, उन्हीं लोगों को बचाने के लिए सरकार यह बिल लाई थी, जिसका विरोध कई उलमा, राजनीतिक पार्टी,सामाजिक कार्यकर्ता, मानवाधिकार कार्यकर्ता ने किया है,सभी विपक्षी नेताओं,पार्टी ने किया बिल तो पास होना ही था, बहुमत उनके साथ है,क्योंकि नीतीश,नायडू,चिराग पासवान जैसे तथाकथित सेकुलर नेता भी बिल के पक्ष में थे,साथ ही भाजपा के साथ खड़े हैं,मगर इसका खामियाजा उन्हे आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में भुगतना पड़ेगा, हम सभी विपक्षी पार्टी मिलकर इस बिल का विरोध करते 

रहेंगे, साथ हीआने वाले चुनाव में हम सभी मिलकर उन्हें धूल चटाने का काम करेंगे।

वक्त संशोधन बिल 2024 को लोकसभा से पास कराकर मोदी की भाजपा शासित सरकार ने वक्फ की संपत्ति पर कब्जा करने,हड़पने का कार्यक्रम तैयार किया है, बेईमानी करने के तहत,इस बिल को पास कराया गया, ताकि वक्फ की संपत्ति को हड़प पर,अडानी और अंबानी को दिया जा सके, जहां पर अडानी औरअंबानीअपना बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लगा कर आर्थिक लाभ ले सके।

Karunakar Ram Tripathi
42

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025