दहेज के दानव ने एक और बेटी को लील लिया रंजना के प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने लिया होता एक्शन तो ना होती उसकी मौत!जो आज किसी और के साथ है कल हमारे आपके साथ भी हो सकता है जो आज तमाशबीन हैं उनका तमाशा निश्चित है दूसरों की बहन बेटियों की रक्षा ही आपकी बहन बेटियों का सुरक्षा कवच क्योंकि आप जो देतें हैं वही पातें हैं।
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश।
मोतिगरपुर थानाक्षेत्र के डडवाकला गांव में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतका रंजन यादव ने मोतिगरपुर थाने पर प्रार्थना पत्र देकर पति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की थी। पुलिस ने प्रार्थना पत्र को दरकिनार कर प्रकरण को रफा दफा कर दिया था। जिसका नतीजा यह रहा है कि चार दिन बाद रंजना को मौत के घाट उतार दिया गया। स्थानीय थाने से कार्रवाई नहीं होने से पति समेत ससुराली जनों के हौसले बुलंद रहे। विवाहिता की मां की तहरीर पर पुलिस ने पूर्व बीडीसी पति, सास, ननद समेत 4 के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कर दिया है। लेकिन उन दोषी पुलिसकर्मियों पर कब कारवाई होगी जो समय रहते कार्रवाई करने के बजाय प्रार्थना पत्र को डस्टबिन में फेंकते रहे। मुकदमा दर्ज होने के बाद मां ने दोषी पुलिस कर्मियों की कारगुजारी की पोल खोल दी है। उसने कहा कि मेरी बेटी ने प्रार्थना पत्र थाने पर 4 दिन पूर्व ही दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बारे में *मोतिगरपुर कोतवाल ज्ञानचंद शुक्ल कहते हैं कि अमूमन घरेलू विवाद के मामले में काउंसलिंग की जाती है। प्रार्थना पत्र आया था, लेकिन हमें ऐसी घटना होगी इसकी उम्मीद नहीं थी।*
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