शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी तुषार सिंह ने एक मामले में आरोपित साथी के तत्कालीन थाना अध्यक्ष श्रीकांत सिंह को उपस्थित करने के लिए डीजीपी को स्नान पत्र जारी किया है थाना अध्यक्ष को सदैव उपस्थित करने का निर्देश दिया है,साथ ही न्यायालय ने उक्त थाना अध्यक्ष को फरार घोषित कर दिया है। न्यायालय ने न्यायालय के द्वारा बार-बार संबंध वर्णन सहित तो सारी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के बाद की है न्यायालय ने उपस्थित थी सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक दंडकारी तुषार सिंह ने डीजीपी को स्नान पत्र जारी किया था न्यायाधीश ने उक्त मामले में आरोपित तत्कालीन थाना अध्यक्ष को न्यायालय में सजा उपस्थित करने का निर्देश दिया था बावजूद आरोपित थाना अध्यक्ष न्यायालय में वार्ड का सामना करने के लिए उपस्थित नहीं हुए विकसित होकर मारपीट के 30 वर्ष पुराने एक मामले में न्यायालय ने आरोपित तत्कालीन थाना अध्यक्ष के विरुद्ध वर्ष 1993 में संज्ञान लेने के पश्चात तो उनकी उपस्थिति के लिए संबंध वारंट तथा कुड़की जपती तक जारी किया था 30 वर्ष की अवधि भी जाने के बाद भी उक्त मामले में आरोपित तत्कालीन थानाअध्यक्ष की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं कराई जा सकी। विदित हो कि साथी थाना क्षेत्र के सोमगढ़ निवासी मुन्ना रावत ने तत्कालीन थाना अध्यक्ष श्रीकांत सिंह के विरुद्ध न्यायालय में एक मुकदमा दर्ज किया था जिसमें कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए उन्हें विचरण का सामना करने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की थी।
उच्च न्यायालय पटना के द्वारा उक्त वाद का त्वरित कार्रवाई कर निष्पादन करने हेतु कहा गया था।ऐसा नहीं करने पर, न्यायिक दंडाधिकारी,तुषार सिंह ने इस तरह की कार्रवाई करते हुए न्यायालय ने उन्हें फरार घोषित कर दिया है।
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