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सब्जियों की गगनचुंबी महंगाई ने रसोई की बजट को बिगाड़ा।

ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीन अहमद

बेतिया, बिहार।

इन दिनों बाजारों में बिकने वाली सब्जियां के दाम मेंआग लगी हुई है,इतनी महंगाई में सब्जियों को खरीदना सबकी बस की बात नहीं है,इसके बावजूद भी आम जनता इतनी महंगी सब्जी खरीदने पर बेबस है,क्योंकि इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है।सब्जी उगाने वाले का कहना है कि समय पर पानी नहीं होने के कारण और इतनी भीषण गर्मी से ही सब्जियां जल गई है,उनका उत्पादन नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है।सब्जी उत्पादक का कहना है कि अधिक दामों पर मिलने वाली खाद,बीज,पटवन,दवाइयां भी इतनी महंगी बिक रही है कि खेत में डालने के बावजूद भी जो लागत आता है,उसकी लागत के अनुसार क्रय विक्रय नहीं हो पा रहा है,सब्जी उत्पादक को चारों ओर से घाटा ही घाटा लग रहा है। महंगाई होने के कारणआम जनता कम ही सब्जी खरीद करअपना काम चला रही है जिससे सब्जी उत्पादान करने वालों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सब्जियों में पलवल,भिंडी, करेला, बैगन, बोडा, नेनुवा, अरुई,कद्दू इत्यादि के दाम आसमान छू रहे हैं,कोई भी सब्जी 50से ₹80 के बीच में ही बिक रही है,अब आप ही अंदाजा लगा लें कि इतनी महंगी सब्जी खरीदना किसके बस की बात हो सकती है। इतना ही नहीं दालों के दामों में भी काफी बढ़ोतरी हो गई है,अब तो भरपेट रोटी दाल खाना भी मुश्किल है।महंगाई पर केंद्र शासित भाजपा सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है,सब्जी,तेल,दाल, आटा,चावल,गैस,पेट्रोल,डीजल,कोई चीज भी सस्ता नहीं है,इस पर केंद्र की भाजपा शासित सरकार नियंत्रण करने में फेल हो गई है,केवल जुमलाबाजी और आम जनता को बेवकूफ बनाने में ही सफल हो रहे हैं। बेरोजगारी व महंगाई से जनता त्रस्त है,और भाजपा शासित केंद्र सरकार की मोदी सरकार के नेता और मंत्री मस्त हैं।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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