गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर के इमाम कारी अफजल बरकाती ने बताया कि शबे कद्र के बारे में अल्लाह तआला फरमाता है कि बेशक हमनें कुरआन को शबे कद्र में उतारा। शबे कद्र हजार महीनों से बेहतर है यानी हजार महीना तक इबादत करने का जिस कदर सवाब है उससे ज्यादा शबे कद्र में इबादत का सवाब है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया शबे कद्र अल्लाह तआला ने मेरी उम्मत को अता की है। यह पहली उम्मतों को नहीं मिली। हजरत आयशा रदिअल्लाहु अन्हा से मरवी है कि पैगंबरे इस्लाम ने फरमाया शबे कद्र को आखिरी अशरा की ताक रातों में तलाश करो यानी रमज़ान की 21, 23, 25, 27, 29 में तलाशो।
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