ग्यारहवां रोजा।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
हर रोजेदार की जुबां पर 'ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह' का विर्द जारी है। ग्यारहवां रोजा अल्लाह की इबादत व कुरआन-ए-पाक की तिलावत में गुजरा। मगफिरत का अशरा शुरु हो चुका है। रोजेदार अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं। सिरों पर टोपी लगा बच्चे व बड़े फर्ज नमाज व सुन्नत नमाज़ों के साथ कसरत से नफ्ल नमाज पढ़ रहे हैं। शाम को सबने मिलकर रोजा खोला और अल्लाह का शुक्र अदा किया। रात में तरावीह की नमाज पढ़ी। बाजारों की चहल पहल में इजाफा हो रहा है। वहीं ग्यारहवें रोज़े पर बुलाकीपुर स्थित दरगाह पर हज़रत शाह सैयद मोहम्मद मुकीम अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। कुल शरीफ हुआ। चादरपोशी की गई। फातिहा ख्वानी हुई। मुल्क में अमनो अमान व भाईचारे की दुआ मांगी गई। दरगाह के बाहर छोटा सा मेला भी लगा।
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