क्रूड आयल पहुंचा $70 प्रति बैरल महंगाई जस का तस।
बढ़ती महंगाई से आम लोगों का जीना मुश्किल,युवाओं को पुरानी सैलरी में घर चलाना हो रहा मुश्किल।
समस्या से जूझते लोगों की मुश्किलें और गहरी।
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
क्रूड आयल $70 डालर प्रति बैरल से नीचे पहुंचा फिर भी महंगाई जस के तस मध्यम वर्गीय परिवार महंगाई से है हाल बेहाल कब लगेगा महंगाई पर लगाम बढ़ती महंगाई से आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है और ऊपर से युवाओं की नौकरियों नहीं लग रही हैं आज भी कम रुपये में लोग नोकरी करने पर विवश हैं और मध्यवर्ग की परेशानी चार गुना भड़ गई है!कुछ समय पहले जब बाजार में रोजमर्रा की जरूरत की कुछ चीजों की कीमतों में गिरावट आई थी तब यह उम्मीद जगी थी कि महंगाई के लंबे दौर से लोगों को शायद धीरे-धीरे राहत मिल सकेगी!लेकिन अब एक बार फिर महंगाई ने बढ़ोतरी का जो रुख अख्तियार किया है उससे राहत की उम्मीद एक बार फिर धुंधली पड़ने लगी है!थोक महंगाई में नरमी के रुख के बावजूद आम लोगों को जरूरी वस्तुओं की कीमतों के स्तर पर न कोई राहत नहीं मिली बल्कि पहले ही इस समस्या से जूझते लोगों की मुश्किलें और गहरी हुईं! क्रूड आयल $70 प्रति बैरल सैनी के पहुंचने के बाद भी महंगाई जस की तस बनी हुई है सरकार को कठोर कदम उठाकर रोजमर्रा की वस्तुओं को नियंत्रित करते हुए डीजल पेट्रोल गैस सिलेंडर के दरों में भारी कटौती करते हुए महंगाई पर लगाम लगाया जा सकता है दरअसल खासतौर पर खाने-पीने के सामानों के दामों में बढ़ोतरी का असर मुख्य रूप से इससे जुड़ा होता है कि लोगों की आमदनी कितनी संतोषजनक है और उनकी क्रयशक्ति की सीमा क्या है!अगर वस्तुओं की कीमतों में इजाफे के समांतर लोगों की आय में भी बढ़ोतरी होती है तो इसे एक बोझ के तौर पर नहीं देखा जाता है! करीब तीन साल पहले महामारी की वजह से हुई पूर्णबंदी का बाजार से लेकर कामकाज या रोजगार के सभी क्षेत्रों पर जो असर पड़ा था उससे अब धीरे-धीरे राहत मिल रही है लेकिन उसके नतीजे आज भी देखा व महसूस किए जा सकता हैं कि बाजार में जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों की हरकतें छिपी नहीं रही हैं! इसलिए अगर कई तरह की चुनौतियों के बीच सरकार आम लोगों को महंगाई और आय के मोर्चे पर राहत देने के प्रति ईमानदार इच्छाशक्ति रखती है तो डीजल पेट्रोल गैस सिलेंडर के दामों में भारी कटौती करनी होगी और खाने-पीने के सामान की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करना होगा तभी महंगाई पर पूर्ण रूप से लगाम लग सकेगा।
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