नक्सल इलाकों में उगाई गई थी फसल
रिपोर्ट:विनोद विरोधी
गया, बिहार।
सशस्त्र सीमा बल 29वी वाहिनी गया के कमांडेंट एच.के गुप्ता तथा जिला प्रशासन के निर्देशानुसार इ कंपनी बीबीपेसरा,फॉरेस्ट विभाग, बाराचट्टी पुलिस,उत्पाद विभाग,एनसीबी ने जिले के बाराचट्टी प्रखंड में बीते 2 दिनों से झिंगुरा, नकटेया, दोमचुवा,डांग आदि क्षेत्र में अफीम की खेती को ट्रैक्टर,जेसीबी तथा लेबर की माध्यम से विनिष्टीकरण किया गया।सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी ने बताया कि अफीम की फसल तीन महीने में तैयार होती है और ये समय अफीम की फैसल तैयार होने का ही है।अफीम को फसलों के बीच में लगाया जाता है और इसकी खेती काफी गुप्त तरीके से की जाती है ताकि किसी की नजर न पड़े।अधिकारियों ने बताया कि
जिले में इस बार जमकर अफीम की खेती की जा रही है।हालांकि नक्सल प्रभावित क्षत्रों में अफीम की खेती होना कोई नई बात नहीं है। यहां अफीम की खेती नक्सलियों की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है।नक्सली दुर्गम क्षेत्रों में इसकी खेती कर कमाई करते है और उससे उनकी अर्थव्यवस्था चलती है। सशस्त्र सीमा बल के सहयोग से अभियान चला कर अफीम की खेती को नष्ट कर रही है।
उल्लखेनीय कि अफीम की फसल तीन महीने में तैयार होती है और ये समय अफीम की फैसल तैयार होने का ही है। अफीम को फसलों के बीच में लगाया जाता है और इसकी खेती काफी गुप्त तरीके से की जाती है ताकि किसी की नजर न पड़े। जिन इलाकों में वाहनों की आवाजाही ना हो सके वहां भी अफीम की खेती की जाती है।सशस्त्र सीमा बल तथा जिला प्रशासन की सहायता में अफीम के खेती को नष्ट कर रही है साथ ही जिनकी जमीन पर खेती की गई है उन किसानों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है।
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