विश्व वन्यजीव दिवस 2023
प्राणी उद्यान में पौधरोपण कर एवं गिद्ध संरक्षण पर बनी फिल्म ब्रोकेन विग्स देख वन्यजीव संरक्षण का लिया संकल्प
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने कहा कि 10वां विश्व वन्यजीव दिवस-2023 की थीम ‘पार्टनरशिप्स फॉर वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन’ है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम सभी को वन्यजीव की सुरक्षा का संकल्प लेना होगा। केंद्र सरकार ने भी आम बजट 2023 को पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली के आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए लाइफ आफ इनवायरमेंट पर बल देते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का बजट 3079.40 करोड़ रखा है। यह धनराशि पिछले बजट से 24 फीसदी ज्यादा है लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब सभी नागरिक इसके प्रति संवेदशील बनेंगे।
डॉ अनिता अग्रवाल, शुक्रवार को शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान में विश्व वन्यजीव दिवस 2023 पर पौधरोपण एवं संरक्षणकर्ता फिल्म निर्देशक माइक हरिगोंविद पाण्डेय की फिल्म ‘ब्रोकेन विग्स’ का प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। कार्यक्रम के दौरान पीपल, पाकड़ एवं बरगद के पांच पौधों का रोपण कर वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण का सभी ने संकल्प लिया। डीएफओ विकास यादव ने बताया भारत सरकार भारत में गंभीर रूप से संकटग्रस्त 73 प्रजातियों का संरक्षण कर रही हैं। इनमें 9 मैमल्स, 18 पक्षी, 26 रेप्टाइल्स और 20 एम्फीबिअन्स हैं लेकिन इनके संरक्षण के लिए सरकारी संस्थाओं के साथ जनमानस को भी आगे आना होगा। खुद को जागरूक करने के साथ दूसरों को भी इनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना होगा। प्राणी उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार वन्यजीव को उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों को शामिल करने पर विचार कर रही है। इस कार्यक्रम में कानपुर प्राणी उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ नासिर, गोरखपुर बर्ड सोसाइटी के अमर ज्वॉय सिंह, हेरिटेज फाउंडेशन के मनीष चौबे, रेंजर राजेश पाण्डेय, डिप्टी रेंजर रोहित सिंह, पशु कल्याण कार्यकर्ता शिवेंद्र यादव, वन रक्षक, नीरज सिंह, शैलेष गुप्ता, सुरेंद्र, बीरबल, शैलेष, शिवम, शिवेंद्र यादव, ज्योति, सर्वज्ञमणि, नीतिन अग्रवाल, संजय सिंह, राजकुमार राय, प्रशासनिक अधिकारी राजीव कुमार श्रीवास्तव समेत वी फॉर एनिमल, रोटरी क्लब मिड टाउन, एसआर्ट के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
सनद रहे कि बढ़ते आधुनिकीकरण के साथ ही जंगल का दायरा भी तेजी से सिमटने लगा।जंगली जानवरों के रहने-सहने का दायरा घटा तो इंसानों के साथ सरहदी इलाकों में टकराव भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में जरुरी है कि जंगल और जंगली जानवरों के साथ पेड़ पौधों का संरक्षण भी किया जाए। इसी कड़ी में 03 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाने का सिलसिला शुरू हुआ। इसकी शुरूआत 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की। पहला पहला वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे 03 मार्च 2014 को मना।
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