ब्यूरो चीफ़ अंजुम शहाब की रिपोर्ट। मुजफ्फरपुर, बिहार।
जिसमें लघु सिंचाई, तिरहुत प्रमंडल, मनरेगा, जल संसाधन, बुडको, वियाडा आदि के पदाधिकारी ने भाग लिया। ग्रामीणों की यह शिकायत रही है कि दीघरा तरौरा चैर में औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा अन्य कारणों से बराबर जल जमाव रहता है। जिला पदाधिकारी के निदेश पर वियाडा के उप प्रबंधक बताया कि 31 मार्च तक वियाडा का आंतरिक ड्रैनेज सिस्टम बन जायेगा। जो बुडको द्वारा निर्मित एसटीपी से जुड़ जायेगा। इस प्रकार 31 मार्च तक नाला कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। दीघरा तरौरा चैर जो 25 हेक्टेयर में फैला है। इसमें नहर द्वारा भी रीस कर पानी आता है। तिरहुत नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया गया कि 31 मार्च तक नहर में मरम्मती का कार्य करना सुनिश्चित करे। मनरेगा के कार्यपालक अभियंता को भी निदेश दिया गया कि 10 मार्च से पहले नाला निर्माण हेतु सर्वे कर प्राक्कलन बनाकर प्रस्ताव दे।
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