Tranding

विद्युत संघर्ष समिति ने समझौते के विरुद्ध हड़ताल का किया ऐलान।

अमित कुमार त्रिवेदी

कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।

     विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता एवं निविदा/संविदा कर्मचारी आगामी 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। संघर्ष समिति पनकी की आज बैठक में समझौते का क्रियान्वयन न होने तथा उत्पादन निगम और पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण का निर्णय लिये जाने के विरोध में हड़ताल की तैयारी तेज करने का निर्णय लिया गया। 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर शान्तिपूर्वक मशाल जुलूस निकाले जायेंगे। 20 फरवरी से प्रारम्भ हो रहे जन-जागरण अभियान के अन्तर्गत संघर्ष समिति की ओर से सभी परियोजना एवं डिस्कॉम मुख्यालयों पर रैली के कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। इस दौरान ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिये जायेंगे। 

    संघर्ष समिति के संयोजक अनुराग पांडे ने बताया की मुख्य मांग यह है कि 03 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये, ओबरा व अनपरा में स्थापित की जा रही नई बिजली परियोजनायें उत्पादन निगम को दी जायें, पारेषण के नये बनने वाले सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का कार्य यूपी पावर ट्रांस्को को दिया जाये, वर्ष 2000 के बाद में सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाये और बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये।

    संघर्ष समिति द्वारा ऊर्जा निगमों के चेयरमैन को प्रषित नोटिस में कहा गया है कि विगत 03 दिसम्बर को ऊर्जा मंत्री, उप्र सरकार एवं मुख्यमंत्री, उप्र सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ हुए लिखित समझौते के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक रवैये और उत्पादन निगम तथा पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण किये जाने के फैसले से बिजली कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है। यह विदित हुआ है कि ओबरा एवं अनपरा में 800-800 मेगावाट क्षमता की दो-दो इकाईयों को स्थापित करने का एमओयू एनटीपीसी लि के साथ किया गया है। इस हेतु ओबरा में 500 एकड़ क्षेत्र में कालोनी गिरायी जायेगी। यह दोनों परियोजनायें उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम की परियोजनायें हैं। इस प्रकार एन.टी.पी.सी. लि. को ओबरा व अनपरा परिसर में नई परियोजनायें देना सीधे-सीधे उत्पादन निगम का निजीकरण है जो विगत कई समझौतों का खुला उल्लंघन है। इसी प्रकार पारेषण में 200 केवी एवं उच्च विभव के सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का कार्य निजी क्षेत्र को देने की प्रक्रिया चल रही है।

     संघर्ष समिति की नोटिस में कहा गया है कि शक्तिभवन मुख्यालय में कार्यरत बिजली कर्मचारियों एवं निविदा/संविदा कर्मचारियों को परेशान करने हेतु करोड़ों रूपये का अपव्यय कर फेस रिकगनिशन प्रणाली लगायी जा रही है। संघर्ष समिति ने यह भी मांग की है कि इस अनावश्यक अपव्यय को न किया जाये और कार्य में व्यवधान पैदा करने वाली इस प्रणाली को वापस लिया जाये तथा नियमित पदों पर नियमित भर्ती करते हुए निविदा/संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना, राजस्थान आदि प्रान्तों की तरह नियमित किया जाये। नियमित होने तक 03 दिसम्बर के समझौते के अनुसार विभिन्न ऊर्जा निगमों में कार्यरत निविदा/संविदा कर्मचारियों को समान पद पर समान मानदेय दिया जाये।

    आज की बैठक में प्रमुख रूप से नवीन चौधरी, अतुल राय, प्रवीन तिवारी, संदीप कुमार, दीपक अग्रवाल, सुमित सिंघल,संतोष विश्वकर्मा, पवन कुमार, दीपक यादव, इंद्रेश यादव, दिनेश गुप्ता, आशीष कमल, दीपक अवस्थी उपस्थित रहे

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
82

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025