मुजफ्फरपुर, बिहार।
11 फरवरी 2023 को फिर से एक बार न्यायालय में लंबित वादों को निष्पादन में तेजी लाने का सुनहरा मौका है। लोक अदालत में परस्पर वार्ता के मामलों का तुरंत निस्तारण किया जाता है। लोक अदालत द्वारा पारित एवार्ड को सिविल कोर्ट की डिग्री की तरह कानूनी मान्यता है। अगर कोई न्याय शुल्क दिया गया हो तो निस्तारण के उपरान्त उसे वापस कर दिया जाता है। इस अदालत में मुकदमा पूर्व वाद तथा न्यायालय में लंबित वाद की परस्पर बातचीत से सुलझाया जायेगा। जिसे कानूनी मान्यता प्राप्त होगी। मुकदमा पूर्व वाद में एनआई एक्ट की धारा 138 के अंतर्गत वाद, धन वसूली वाद, श्रम विवाद, बिजली और पानी के बिल मामले, भरण पोषण एवं अन्य सिविल विवाद का निपटारा किया जायेगा। जबकि न्यायालयों में लंबित वाद आपराधिक शमनीय मामले, धन वसूली, श्रम, भूमि अधिग्रहण, सेवा, राजस्व, अन्य दिवानी मामले यथा किराया निषेधाज्ञा वाद आदि का निष्पादन किया जायेगा।
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