Tranding

इस्लाम धर्म में प्रेम, दया, दूसरों की मदद करने की शिक्षा दी गई - कारी अनस

मुस्लिम महिलाओं की संगोष्ठी।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में मुस्लिम महिलाओं की 24वीं संगोष्ठी हुई। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की। कुरआन-ए-पाक कि तिलावत खुशी ने की। हम्द व नात-ए-पाक इरम, सना फातिमा, सानिया, लाइबा और हदीस व दीनी बात सना खान ने पेश की। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के पैगाम पर रोशनी डाली गई। 

मुख्य वक्ता कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम हमें सिखाता है कि अल्लाह एक है, सिर्फ वही इबादत के लायक है। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के आखिरी नबी व रसूल हैं। कुरआन-ए-पाक अल्लाह की किताब है। इस्लाम धर्म हमें यह भी सिखाता है कि झूठ न बोलो, चोरी न करो, और दूसरों के साथ अच्छे से व्यवहार करो। इस्लाम धर्म में प्रेम, दया, और दूसरों की मदद करने की शिक्षा दी गई है।

संचालन करते हुए सना फातिमा, नूर फातिमा ने कहा कि प्रतिदिन पांच बार नमाज पढ़ना आवश्यक है। नमाज इंसान को हर बुराई से दूर रखती है। नमाज पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आंखों की ठंडक है। नमाज खुद भी अदा करें और घर वालों से भी नमाज पढ़ने के लिए कहें। 

विशिष्ट वक्ता शिफा खातून ने महिलाओं के लिए पर्दे का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में महिलाओं के लिए पर्दा बेहद जरूरी करार दिया गया है। लिहाजा पर्दे का हर हाल में ख्याल रखा जाए। पर्दा पाबंदी नहीं अनुशासन है। इस्लाम धर्म का कोई भी कानून पाबंदी नहीं अनुशासन है। लिहाजा शरीअत के अनुशासन का हर हाल में पालन किया जाए। शादी में फिजूलखर्ची अल्लाह व पैगंबर-ए-इस्लाम को पसंद नहीं है इसलिए शादियों को पैगंबर-ए-इस्लाम के सुन्नत के मुताबिक अमल में लाया जाए। 

अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली, तरक्की व अमन की दुआ मांगी गई। संगोष्ठी में फिजा खातून, आस्मां खातून, सना, मुबस्सिरा, इनाया फातिमा, शबाना खातून, हदीसुन निशा, नूर अफ्शा, अख्तरुननिसा, असगरी खातून आदि मौजूद रहीं।

----------------

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
10

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025