मुहब्बत के साथ निकाला गया जुलूस-ए-मुहम्मदी
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस की खुशी ईद मिलादुन्नबी के रूप में शुक्रवार को मुहब्बत, अकीदत, अदब व एहतराम के साथ मनाई गई। पैगंबर-ए-इस्लाम के जन्मदिवस के 1500 साल पूरे होने की खुशी हर तरफ नजर आई। जुमा की तकरीर में पैगंबर-ए-इस्लाम की शान बयान की गई।
ईद मिलादुन्नबी के मौके पर घर, मस्जिद, मदरसा व दरगाहों में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजी। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। दरूदो-सलाम का नजराना पेश किया गया। फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी हुई। मुसलमानों के सिरों पर इस्लामी टोपियां व अमामा शरीफ सजा नजर आया। हाथों में इस्लामी झंडा दिखा।
सुबह मस्जिदों पर परचम कुशाई (झंडारोहण) की रस्म परंपरा के मुताबिक अदा की गई। विभिन्न
मुहल्लों से जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाला गया। हर जुबां व सोशल मीडिया पर ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद थी। इस खुशी के मौके पर मुल्क में अमन, शांति व कौम की तरक्की के लिए खास दुआ की गई। घरों में लजीज पकवान बने। जुलूस निकलने का सिलसिला सुबह जो शुरू हुआ तो देर रात चलता रहा। सभी ने सरकार की आमद मरहबा, या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका, या हबीब सलाम अलैका, मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम, लब्बैक या रसूलल्लाह आदि सलाम पैगंबर-ए-इस्लाम की बारगाह में पेश किया। नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा भी खूब लगा। कई जगह जुलूसों का स्वागत भी किया गया। इस्लामी पैगाम से सजे बोर्ड, तख्तियां व बैनर पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षाओं रोशनी डाल रहे थे। जुलूसों में तिरंगा झंडा भी लहरा रहा था। छोटे काजीपुर व बड़े काजीपुर में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पवित्र बाल मुबारक (मूए मुबारक) की जियारत सलातो सलाम के बीच करवाई गई।
रवायत के मुताबिक हुई मस्जिदों में परचम कुशाई।
जाफरा बाजार में सब्जपोश हाउस मस्जिद के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी के नेतृत्व में दरूदो सलाम की महफिल सजी। जिसमें पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में संयुक्त रूप से दरूदो सलाम का नजराना पेश किया गया। इसके बाद तमाम घरों पर जाकर ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद पेश कर किताब, मिठाई, बिस्कुट, शरबत, नमकीन बांटी गई। राहगीरों को भी मुबारकबाद के साथ मिठाई पेश की गई। वरिष्ठ शिक्षक मुजफ्फर हसनैन रूमी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने किरदार व व्यवहार, मुहब्बत, भाईचारगी, अमन, शांति, अमानतदारी, वादा-वफा की वजह से सबका दिल जीत लिया। सारा जहां पैगंबर-ए-इस्लाम के जन्मदिवस की खुशियां मना रहा है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने फरमाया है कि पड़ोसियों के साथ मुहब्बत से रहो। उनके खुशी गम में बराबर के शरीक रहो। छोटों से मुहब्बत करो। आपस में मुहब्बत से रहो। लड़ाई झगड़े से दूर रहो। जुबान से गंदी बातें न निकालो, गाली न दो। वादा खिलाफी न करो। हमेशा सच बोलो। झूट से दूर रहो। नमाज कायम करो। इस मौके कारी मुहम्मद अनस रजवी, नेहाल अहमद, आसिफ महमूद, युसूफ, मुहम्मद जैद, अली अहमद, तारिक सामानी, इरफान, शहनवाज आलम, मुख्तार अहमद, हाजी रफीउल्लाह, तनवीर, अलीशान, रूशान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
मुहल्ला बड़गो में मिलाद शरीफ की महफिल हुई। कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षा से ही दुनिया में अमन शांति संभव है। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम केवल मुसलमानों में ही नहीं बल्कि हर मजहब में कद्र की ऊंची मंजिल पर विराजमान हैं। मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमाम चौक तुर्कमानपुर में महिलाओं की दरूदो सलाम की महफिल हुई। महिलाओं ने मिलकर दरूदो सलाम पढ़ा। महफिल में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान बयान की गई। छोटे काजीपुर स्थित गौसिया जामा मस्जिद में परचम कुशाई मौलाना मुहम्मद अहमद निजामी व कारी शमसुद्दीन, मस्जिद जामे नूर बहादुर शाह जफर कालोनी बहरामपुर में मुख्तार अहमद, सुन्नी जामा मस्जिद सौदागर मुहल्ला में कारी मोहसिन रजा, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद आदि ने परचम कुशाई की। इसके अलावा शहर की तकरीबन सभी मस्जिदों में परचम कुशाई की गई।
जुलूस-ए-मुहम्मदी ने दिया अमन व मुहब्बत का पैगाम।
खूनीपुर, तुर्कमानपुर, गाजी रौजा, रहमतनगर, पहाड़पुर , जाफरा बाजार, अहमदनगर चक्शा हुसैन, बक्शीपुर, घासी कटरा, धम्माल, तिवारीपुर, रसूलपुर, गोरखनाथ, खूनीपुर, घोसीपुरवा, सूर्य विहार कालोनी, जमुनहिया बाग, शाहिदाबाद सहित सभी मुहल्लों से जुलूस निकाला गया। जगह-जगह जुलूस का स्वागत हुआ। जुलूस का मुख्य केंद्र नखास चौराहा रहा। जुलूस के मार्गों पर कई जगह स्वागत द्वारा बने थे। जिसे गुब्बारों व झालरों से सजाया गया था। जगह-जगह जुलूसों का स्वागत कर मीठा चावल, बिस्किट, केक, इमरती आदि बांटी गई। लंगर भी बांटा गया। जुलूस में लोग लोग सेल्फी लेते भी दिखे। कई जुलूसों में मस्जिद व दरगाहों के मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे। जुलूस में घोड़ा, बग्घी आदि शामिल रहे।
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