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सुन्नी दावते इस्लामी के इज्तेमा में उमड़े अकीदतमंद।

-देश में अमन चैन व भाईचारे की दुआ के लिए उठे हाथ

- हजरत मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम और सहाबियों की जिंदगियों के मुताबिक जीवन यापन का दिया संदेश

-इस्लामी विद्वान बोले-दूसरों की भूख व प्यास की फिक्र करें

-सुन्नी दावते इस्लामी के सम्मेलन में मांगी देश में अमन-चैन व खुशहाली की दुआ।

वसीम अकरम कुरैशी

 जयपुर, राजस्थान।

सुन्नी दावते इस्लामी जयपुर की सांगानेर इकाई की ओर से एक दिवसीय सुन्नी इज्तेमा कोहिनूर हॉल सांगानेर मेंआयोजित किया गया।

मुफ्ती अब्दुस्सत्तार रजवी साहब की सरपरस्ती व मौलाना सैय्यद मोहम्मद कादरी साहब निगरान सुन्नी दावते इस्लामी जयपुर की निगरानी मे आयोजित इस इज्तेमा में देशभर से आए इस्लामिक स्कॉलर्स ने हजरत मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम और सहाबियों की जिंदगियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके बताए गए तरीके से जीवन यापन करने का उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया। इसी के साथ देश-प्रदेश व शहर जयपुर में अमन-चैन और खुशहाली के लिए दुआएं की गई।

मुख्य वक्ता के तौर पर शम्स-ए-मिल्लत हजरत मौलाना मुफ्ती शमसुद्दीन कादरी साहब (मकराना) ने हजरत उमर फारूक-ए-आजम की जिÞंदगी में उनके किरदार और उनका एक जुमला बयान किया जो दुनिया के तमाम हुकूमत के लिए मिस्ले राह है। फरमाते हैं कि दरिया-ए-दजला के किनारे कोई जानवर भूख या प्यास से मर जाए तो उसका जवाब भी उमर को देना होगा, जब ये फिक्र पैदा होती है तो दुनिया मे इंकलाब आता है।

हजरत मौलाना युनुस रजवी साहब (मुंबई) ने सीरते हजरत उस्माने गनी की सखावत और उनका अल्लाह की राह में क्या-क्या कुर्बानियां दी इसके बारे में विस्तार से बताया। हजरत मौलाना सलीम अकबरी साहब (भीलवाड़ा) ने हुजूर सल्लाहु अलैहि व सल्लम की 1500 साला विलादत के मौके पर हमें क्या-क्या करना है, हमारी क्या जिÞम्मेदारी है, इस संदर्भ में विस्तार से बताया।

            नातो मन्कबत पेश की

 वहीं सुन्नी दावते इस्लामी के मुबल्लिगीन ने नातो मन्कबत पेश की। मुख्य अतिथि गुले गुलजारे अशरफियत पीरे तरीकत हजरत राशिद अशरफ लतीफी अशरफी जिलानी किछौछा शरीफ ने जलसे के आखिर में मुल्क हिंदुस्तान में अमन चैन व भाईचारा बना रहे इसकी दुआ की। मरहूम पीर हाजी अब्दुल हमीद बरकाती, मरहूम मुहम्मद राशिद बरकाती के लिए खुसुसी दुआ फरमाई।

              इनकी रही विशेष उपस्थिति

इस मौके पर जयपुर व शहर के बाहर से आए औलमा व अबू सईद बरकाती कागजी, खालिद बरकाती कागजी, मुईत बरकाती कागजी, साजिद बरकाती कागजी, नवेद बरकाती कागजी सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद उपस्थित रहे। अंत में मौलाना सैय्यद मोहम्मद कादरी साहब ने सभी आगंतुकों का आभार जताया।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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