संतकबीर नगर, उत्तर प्रदेश।
विद्या भारती के सरस्वती संस्कार केंद्र कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में क्षेत्र सह सेवा प्रमुख राघव ने कहा बच्चों को संस्कारित बनान समय की आवश्यकता है। केंद्रों पर गीत-कहानी, खेल-खेल में बच्चों को संस्कार सिखाने में एक-एक कार्यकर्ता की भूमिका का महत्वपूर्ण है। जिसमें प्रशिक्षण वर्ग सहायक सिद्ध होगा। आप पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करें।
क्षेत्र सह सेवा प्रमुख मंगलवार को शहर के कूड़ीलाल सरस्वती विद्या मंदिर बिधियानी में प्रशिक्षण वर्ग में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरस्वती संस्कार केंद्र के माध्यम से बस्ती में बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दी जा रही है। प्रशिक्षण में आप विचारों को ठीक प्रकार से श्रवण करें, मनन करते हुए उसका अनुपालन करें। परम श्रद्धेय भाऊराव देवरस ने संपूर्ण भारत का भ्रमण किया। अशिक्षा, गरीबी, असमानता, राष्ट्रीयता आदि का अभाव देखा। जिसका लाभ उठाकर गैर हिंदू संप्रदाय के लोग धर्मांतरण कराने लगे। इसे रोकने व अपने धर्म, देश संस्कृति से प्रेम करने के लिए जनजागरण कार्य किया। जिसके लिए सरस्वती शिशु मंदिरों व सरस्वती संस्कार केंद्रों की स्थापना हुई। प्रांत सेवा प्रमुख प्रभाकर मिश्र ने सेवा कार्य के प्रति प्रेरित किया। प्रधानाचार्य रमेश राय ने कहा कि जिसका सर्वाधिक क्षरण हो रहा है वह संस्कार है। संस्कार के कार्य करने के लिए वर्ग आयोजित किया गया। इससे पूर्व वर्ग का शुभारंभ वंदना से हुआ। अंत में शांति पाठ हुआ। संचालन करूणेश मिश्र ने किया।
इस मौके पर अखिलेश्वर धर द्विवदी, सुखेंद्रु, एसपी पाठक सहित विभिन्न संस्कार केंद्रों के कार्यकर्ता व शिक्षक मौजूद रहे।
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