-जयपुर में विरोध सभा कर दिखाई एकजुटता, कानून वापस लेने तक संघर्ष करने का लिया संकल्प।
वसीम अकरम कुरैशी
जयपुर, राजस्थान।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरुद्ध ज्वाइन्ट कमेटी तहफ्फुजे औकाफ राजस्थान की ओर से जयपुर के शहीद स्मारक पर विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिसमें जनप्रतिनिधि, विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, शहर के वरिष्ठजन एवं बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी शामिल हुए। सभी ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ एकजुटता दिखाई तथा सरकार पर निरंकुशता एवं हठधर्मिता का आरोप लगाया।
इस मौके पर आॅल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्दिदी ने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहला काला कानून पास हुआ है जिसने भारत के हर वर्ग, हर समाज और सभी धर्मों के लोगों को इसका विरोध करने पर एकजुट कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमेशा से हर मसले के हल के लिए मुसलमानों ने कुर्बानी पेश की और आज भी सोफिया कुरैशी जैसी बेटियां मुल्क के लिए आगे है।
आॅल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मेम्बर डॉ. समरा सुल्ताना ने कहा कि हम वक्फ संशोधन अधिनियम को पूरी तरह निरस्त करते हैं। वक्फ प्रोपर्टी का नहीं बल्कि हमारे वजूद और देश से मोहब्बत का मसला है। वहीं बोर्ड सदस्य यास्मीन फारुकी ने कहा कि वक्फ सीधे तौर पर अल्लाह की मिल्कियत है। जो गरीब, बेवाओं, यतीमों और जरुरतमंदों की खिदमत के लिए है और मुसलमानों का मामला है, किसी सरकार का मसला नहीं है।
ज्वाइंट कमेटी तहफ्फुजे औकाफ राजस्थान के कन्वीनर मुहम्मद नाजिमुद्दीन ने कहा कि जब सब एकजुट हैं तो कामयाबी जरुर मिलेगी। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि यदि इस जालिमाना कानून को वापस नहीं लिया तो सरकार याद रखे कि हमने ठाना है कि हम भी तब तक लड़ेंगे जब तक यह कानून वापस ना लिया जाए। हमारी लड़ाई किसी धर्म के विरुद्ध नहीं बल्कि सरकार से है। जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के प्रदेश उपाध्यक्ष हाफिज मंजूर अली खान ने कहा कि हमने पहले भी जुल्म के खिलाफ गर्मी की शिद्दत के बावजूद नाइंसाफी का मुंह तोड़ जवाब दिया है। हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह हमें सड़कों पर उतरने पर मजबूर ना करे।
राष्ट्रपति के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा
विरोध सभा को राजस्थान मुस्लिम प्रोग्रेसिव फ्रंट के कन्वीनर अब्दुल सलाम जौहर,विधायक अमीन कागजी, मुख्य सचेतक विधायक रफीक खान, राजस्थान बोर्ड आॅफ मुस्लिम वक्फ्स के चेयरमैन डॉ. खानू खान बुधवाली सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, विभिन्न समाजों के प्रबुद्धजनों ने विचार व्यक्त कर वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध किया तथा इस मामले में एकजुटता का संकल्प लिया। कार्यक्रम समापन के बाद जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
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