शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
आमजन को एटीएम मशीन से पैसा निकालने पर अधिक शुल्क काटना जन विरोधी है।
आरबीआई के द्वारा बैंकों को एटीएम से धन निकासी पर शुल्क बढ़ाने की अनुमति को जन्म विरोधी करार दिया गया है कहा गया है कि सरकार ने बैंकों को नागरिकों को लूटने की इजाजत दे दी है,दुर्भाग्य से सरकार ने हमारे बैंकों को कलेक्शन एजेंट बना लिया है।
ऐसा कई बार देखा जाता है कि एटीएम मशीन से राशि के निकासी पर समयअनुसार राशि काटी जाती है,साथ ही यह प्रतिबंध भी लगाया जाता है कि राशि निकासी की सीमा भी तय कर दी जाती है, इस तहसील में से अधिक निकासी करने पर अधिक राशि की कटौती होगी,जो नियम विरुद्ध है।केंद्र की भाजपा शासित मोदी सरकार ने बैंकों के निजीकरण के सिलसिले में कई बार अपना अधिनियम लगाने की कोशिश की है,मगर
विशेष परिस्थिति में ऐसा नहीं हो पा रहा है, सरकार ने बैंकों पर अपनाअधिपति रखने का काम कर रही है,आमजन की राशि से सरकार फायदा उठा रही है औरआमजनों के अपनी राशि निकासी करने पर शुल्क में वृद्धि भी की जा रही है,जो न्याय संबंधित नहीं है। ऐसा करने से आम जनता को अपनी ही राशि निकालने के लिए टैक्स देना पड़ रहा है, इससे यह स्पष्ट हो जाता है केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति डावाडोल है,तभी सरकार इस तरह का अंधा कानून बनाकर आम जनता को परेशान कर रही है, इसका सरेआम विरोध होना चाहिए।
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