सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में महफिल-ए-मिलादुन्नबी के तहत मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि जो साहिबे ईमान इस दुनिया में बच्चियों की खुशी-खुशी सही तालीमो तरबियत और सही ढंग से परवरिश करेगा उसे मैं जन्नत में लेकर जाऊंगा। पैग़ंबरे इस्लाम ने चौदह सौ साल पहले पूरी दुनिया को तालीम हासिल करने, बेटी बचाओ व स्वच्छता का पैग़ाम दिया। इसी वजह से दीन-ए-इस्लाम में पाकी को आधा ईमान करार दिया गया है। क़ुरआन की पहली आयत का नुज़ूल लफ्ज़े ‘इक़रा’ से हुआ हैं यानी पढ़ो। मजदूरों के हक की आवाज़ सबसे पहले पैग़ंबरे इस्लाम ने उठाई और पसीना सूखने से पहले मजदूरी देने का हुक्म दिया। विधवा से शादी करके महिलाओं का सम्मान बढ़ाया। महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिया। पत्थर खाकर, जुल्म सहकर भी दुआएं दी और अहिंसा का पैग़ाम दिया। पैग़ंबरे इस्लाम ने महिलाओं को फख्र से जीने का हक़ दिलाया।
ग्यारह दिवसीय महफिल-ए-मिलादुन्नबी के चौथे दिन अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद हुमायूंपुर उत्तरी में हाफिज अजीम अहमद ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और तमाम पैग़ंबर ज़िन्दा हैं। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया है कि अल्लाह ने ज़मीन पर पैग़ंबरों के जिस्मों को खाना हराम फरमा दिया है, तो अल्लाह के पैग़ंबर ज़िन्दा हैं। उन्हें रिज्क़ दिया जाता है। सारी मखलूक अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबरे इस्लाम की रज़ा चाहता है। पैग़ंबरे इस्लाम की फरमाबरदारी अल्लाह की फरमाबरदारी है। पैग़ंबरे इस्लाम अल्लाह की अता से अपने चाहने वालों का दरूदो सलाम सुनते हैं। फरियादियों की फरियाद भी सुनते हैं और अल्लाह की दी हुई ताकत से उनके दुख-दर्द दूर करते हैं। पैग़ंबरे इस्लाम कयामत में गुनाहगार उम्मतियों की शफ़ाअत करेंगे। हमें पैग़ंबरे इस्लाम पर कसरत से दरूदो सलाम का नज़राना पेश करना चाहिए। दावते इस्लामी इंडिया की ओर से काजी जी की मस्जिद इस्माइलपुर में 'मिलाद की बरकतें' नाम से महफिल हुई।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। महफ़िल में हाफिज जुनैद, मो. कैफ़, हाफ़िज़ मो. आरिफ, बरकत हुसैन, हामिद रजा, मो. सिद्दीक, मो. शाहरुख, मो. हुसैन आदि लोग मौजूद रहे।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025