हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
मेस्टन रोड स्थित पी०एन०एस०डी० शिक्षा निकेतन चालिका विद्यालय के तत्वावधान में आयोजित श्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ प्रेम कुमारी मिश्रा (वरिष्ठ चित्रकार एवं साहित्यकार ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन कर किया ! प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि कला पूजा का कार्य है जब हम किसी कार्य को करने का प्रयास करते हैं, तो मार्ग प्रशस्त होता है तथा लक्ष्य तक पहुँचने में सफल हो जाते हैं। फलाकार का हरने के लिए होता है जीवन सीखने के लिए है जिसमें रेखायें है, रंग है पूरी प्रकृति समाहित है, प्रयास के द्वारा कला में निखार लाना सम्भव है मनुष्य शरीर में सभी कलाएँ समाहित है, आत्मविश्वास की कमी के कारण हम आगे नहीं बढ़ पाते इस प्रकार के शिविरों से बच्चों की कलाओं में निखार आता है तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है फला यह है सत्यम् शिवम् सुन्दरम् या समावेश है। कला जीवन में आनन्द प्रदान करती है। समाज में सकारात्मक वातावरण निर्माण हेतु इस प्रकार के शिविरों का आयोजन नितान्त आवश्यक है। कला के माध्यम से हम बच्चों को संस्कारवान बना सकते हैं। इस को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
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