Tranding

काले खिज़ाब का इस्तेमाल करना हराम है - उलमा किराम

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। 

तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन ओ सुन्नत की रोशनी में जवाब दिया। 

1. सवाल : बेवा औरत ईद पर नए कपड़े पहन सकती है? (लियाकत, देवरिया)

जवाब : इद्दत के दिन गुजारने के बाद ईद पर नए कपड़े भी पहन सकती है और हर तरह की जायज खुशी में भी शरीक हो सकती है इसमें कोई हरज नहीं है। (मुफ्ती मो. अजहर शम्सी)

2. सवाल : दीवार पर बने परिंदे यानी कबूतर, तोता या मोर की तस्वीर किब्ला रूख हो तो उसके सामने नमाज़ पढ़ना कैसा है? (सैयद नदीम, सूर्यविहार कॉलोनी)

जवाब : जिस कमरे के अंदर जानदार की तस्वीर लगी हुई हो चाहे ऊपर हो या नीचे हो, सामने हो, दायें हो या बायेें हो तो उस कमरे के अंदर नमाज़ पढ़ना मकरूहे तहरीमी है। सबसे ज्यादा कराहियत उस तस्वीर में है जो नमाज़ी के सामने जानिब किब्ला में हो, फिर वह जो नमाज़ी के सर पर लटकी हो, फिर वह जो उसके दाहिने हो, फिर वह जो बायें हो और सबसे कम कराहियत उसमें है कि नमाज़ी के पीछे किसी दीवार वगैरा में हो। (कारी मोहम्मद अनस)

3. सवाल : काला खिजाब करने वाले के पीछे नमाज़ का क्या हुक्म है? (कासिद, चक्शा हुसैन)

जवाब : काले खिज़ाब का इस्तेमाल करना हराम है और ऐसे शख़्स के पीछे नमाज़ मकरूहे तहरीमी है उसको दोबारा पढ़ना वाजिब है। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन)

4. सवाल : आंखें बंद कर के नमाज़ पढ़ना कैसा? (सैयद हुसैन, सूरजकुण्ड कॉलोनी)

जवाब : अगर दिलजमई हासिल करने के लिए हो तो जायज है। (कारी मो. अनस)

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
73

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025