शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
स्थानीय सरकारी मेडिकल कॉलेजअस्पताल में इंजूरी रिपोर्ट देने में मोटी रकम की मांग की जा रही है,इंजूरी रिपोर्ट लेने वाले व्यक्तियों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकेअलावा कई महीना दौड़ने के बाद मोटी रकम अदा करने के साथ ही बड़ी मुश्किल से इंजूरी रिपोर्ट मिल रही है।इस इंजूरी रिपोर्ट के देने में डॉक्टर के पास दलालों काअड्डा बना हुआ है,इन दलालों के माध्यम से डॉक्टर इंजूरी रिपोर्ट मोटी रकम लेकर ही दे रहे हैं,जो व्यक्ति मोटी रकम नहीं दे पा रहा है,उसके विरोध में इंजूरी रिपोर्ट दिया जा रहा है,और जो व्यक्ति मोटी रकमअदा कर दे रहा है उसके पक्ष में इंजूरी रिपोर्ट दी जा रही है,स्थानीय न्यायालय को इस इंजूरी रिपोर्ट की विधिवत जांच पड़ताल करनी चाहिए,ताकि पक्ष और विपक्ष की इंजूरी रिपोर्ट की सत्यता हो सके।
स्थानी न्यायालयों में मुकदमे की पैरवी में इंजूरी रिपोर्ट का अपना एकअलग महत्व होता है,इसीआधार पर मुकदमा का संचालन होता है,और पक्ष और विपक्ष को सजा मिलने में इसकीअहम भूमिका होती है।
स्थानीय सदरअस्पताल के डॉक्टर के द्वारा निर्गत इंजूरी रिपोर्ट की विधिवत जांच, किसी मान्यता प्राप्त सरकारी जांच एजेंसी के पदाधिकारी के द्वारा होनी चाहिए या न्यायालय के किसी न्यायाधीश के माध्यम से इसकी पूर्ण विवरणी को देखते हुए इसकी जांच होनी चाहिए ताकि सत्यता सामनेआ सके।
इंजूरी रिपोर्ट देने में चिकित्स पदाधिकारी का बहुतअहम भूमिका होता है,निर्गत इंजूरी रिपोर्ट पर ही मुकदमों के सुनवाई और निष्पादन में अहम योगदान होता है।
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