पटना, बिहार
विश्व शांति के मुख्य संपादक व अंतर्राष्ट्रीय राजदूत सैय्यद दानिश ने मानवता और न्याय के पक्षधर, ग़ज़ा के मासूम नागरिकों पर इज़राइल द्वारा किए जा रहे अमानवीय अत्याचारों की कठोर निंदा करते हुए कहा कि ग़ज़ा में निर्दोष बच्चों, महिलाओं और नागरिकों पर हो रहे क्रूर हमले, बमबारी और नरसंहार विश्व समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि हाल में इजराइल द्वारा ईरान पर हमला किया जो अंतर्राष्ट्रीय अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा की इजराइल के बाद फिर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया जो अब पूरी दुनिया को मंदी की तरफ लेकर जाएगा। इज़राइल की आतंकी नीतियों और फ़लस्तीनी जनता के मूलभूत अधिकारों के हनन के खिलाफ हम एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं। हमारी मांग है ग़ज़ा में तत्काल युद्धविराम हो। ग़ज़ा में इज़राइल की सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोका जाए साथ ही तमाम मुस्लिम देशों में अमेरिका अपनी सैन्य गतिविधि ख़त्म करे। उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में मानवीय सहायता को रोका न जाये ये यज़ीदियत है। ग़ज़ा के लोगों तक निर्बाध रूप से भोजन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सहायता पहुँचाई जाए। उन्होंने कहा कि इज़राइल द्वारा ग़ज़ा में सामूहिक नरसंहार किया गया है जिसे कोई झुठला नहीं सकता। इसराइल के इस अपराधों की अंतरराष्ट्रीय जाँच हो और दोषियों को सज़ा दी जाए। फ़िलिस्तीनी जनता को उनका आत्मनिर्णय का अधिकार और स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिले। हम विश्व समुदाय, संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से आग्रह करते हैं कि वे ग़ज़ा में हो रहे इस नरसंहार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएँ। साथ ही, हम सभी न्यायप्रिय लोगों से अपील करते हैं कि वे इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाएँ और फ़लस्तीनी भाइयों-बहनों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें। न्याय के लिए, मानवता के लिए, ग़ज़ा के लिए – हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई दज्जालियत और यज़ीदियत से है और ये लड़ाई जारी रहेगी। लोगों के मूल अधिकार जहां भी छीने जाएंगे हम उनके साथ खड़े रहेंगे।
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