रमाशंकर गुप्ता
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
शहर के पैडलेगंज में उद्यमिता भारती विद्यापीठ के तत्वावधान में निर्माण व संरचना के स्वामी देव शिल्पी सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई गई। सृजनकर्ता, वास्तु शिल्प व कलाविद् के जनक की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। प्रतिमा स्थापना करके सृजन के देवता से कला के क्षेत्र में अछ्वुत ज्ञान, जीवन को सुखी बनाने के साथ लोक मंगल की कामना के साथ आराधना की गई। संस्थापक अखिलेश्वर धर द्विवेदी ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा सभी के कल्याण करने वाले हैं। जहां भी सृजन है वहां श्रीविश्वकर्मा हैं। शहर के पैडलेगंज में उद्यमिता भारती विद्यापीठ के तत्वावधान में निर्माण व संरचना के स्वामी देव शिल्पी सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई गई। सृजनकर्ता, वास्तु शिल्प व कलाविद् के जनक की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। प्रतिमा स्थापना करके सृजन के देवता से कला के क्षेत्र में अछ्वुत ज्ञान, जीवन को सुखी बनाने के साथ लोक मंगल की कामना के साथ आराधना की गई। संस्थापक अखिलेश्वर धर द्विवेदी ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा सभी के कल्याण करने वाले हैं। जहां भी सृजन है वहां श्रीविश्वकर्मा हैं। देवताओं के शिल्पकार, वास्तुकार और अभियंता हैं, जो सृष्टि के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे दुनिया के पहले इंजीनियर माने जाते हैं और सोने की लंका, द्वारिका, हस्तिनापुर और स्वर्गलोक जैसी पौराणिक संरचनाओं के निर्माता हैं. ब्रह्मा के वंशज, उन्हें वास्तुकला और सृजन का देवता माना जाता है, और उन्हें इंजीनियरिंग व शिल्पकला के क्षेत्र में योगदान देते हैं। रमाशंकर गुप्ता ने कहा कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष दिन वास्तु कलाविद, देव शिल्पी का अवतरण हुआ था।ज्ञान-कौशल के जनक सभी का कल्याण करने वाले हैं। नेचुरेंस ब्यूटी संस्थान में विधि-विधान से पूजन हुआ। इसी के साथ औद्योगिक क्षेत्र सहित विभिन्न संस्थाओं, कार्यशाला,मशीनरी दुकानों, काष्ठ व लौह आदि कला से संबंधित लोगों ने साज-सज्जा के साथ अपने मशीनरी, यंत्रों, उपकरणों का साफ-सफाई कर विधिवत परंपरागत ढंग से पूजन करके आरती हुई। इस मौके पर नेचुरेंस ब्यूटी पार्लर की संचालिका गुंजन,अभियंता अभियंता डीके दूबे, सुनील कुमार दूबे , नौमानाथ।अरुण विश्वकर्मा,जयप्रकाश जायसवाल आदि मौजूद रहे।
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