पुरुषोत्तम सिंह
पटना, बिहार।
भारत डाइबिटीज का हब बन चुका है । चिन्ता इस बात की है कि आज ये बिमारी सबसे ज्यादा युवाओं को अपने आगोश में ले रहा है । युवाओं में फास्ट फूड जंक फूड का प्रचलन बढ़ने के साथ साथ तनाव ग्रस्त जीवन उन्हें इस बिमारी का शिकार बना रहा है । आज पुरे भारत की बात करें तो चौदह करोड़ लोग डाइबिटीज होने के कगार पर है जिसमें से आठ करोड़ युवा है जो आज इस बिमारी के आगोश में आ रहे हैं जिनकी उम्र मात्र बीस से तीस साल के बीच होती है । कुछ अनुवांशिक कारण भी है जैसे किसी के परिवार में माता पिता या दादा दादी को यह बिमारी हो । सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि युवा आज़ मोटापे का शिकार हो रहे हैं जो डाइबिटीज होने का प्रमुख कारण है । अतः अभी भी समय है कि अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाकर इस साइलेंट किलर से बचा जा सकता है क्योंकि अगर एक बार ये बिमारी हो गई तो फिर जीवन दुखमय हो जाता है। उक्त बातें आस्था फाउंडेशन द्वारा आयोजित मेगा युथ हेल्थ कान्क्लेव के दौरान मशहूर फिजिशियन डॉ दिवाकर तैजसवी ने कहीं। उन्होंने बच्चियों एवं युवाओं से अपील करते हुए कहा कि घर का बना खाना खाएं बाहर के खाने की चीजें से परहेज़ करें । आस्था फाउंडेशन की चेयरमैन निक्की सिंह ने कहा कि आज कल जिस तरह युवाओं में डाइबिटीज बढ़ी है ऐसे में उन्हें डाइबिटीज के साथ साथ डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ के प्रति जागरूक करने का काम आस्था फाउंडेशन लगातार कर रही है और इसमें हम सफ़ल भी हो रहे हैं । कार्यक्रम का आयोजन पाटलिपुत्र स्कूल में सैकड़ों युवाओं के साथ किया गया था । कार्यक्रम को सफल बनाने में रंजन कुमार बर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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