शाह मोहम्मद शमीम
नई दिल्ली।
आज यौम ए आशूरा है यानि हजरत इमाम हुसैन की शहादत का दिन..... आज ही के दिन अधिकतर जिलों में ताजिया निकालने, दफनाने और मुहर्रम का जुलूस निकालने की परंपरा है।
हजरत इमाम #हुसैन की शहादत हमें सच्चाई, सब्र, इंसाफ, हक और इंसानियत के राह पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
#मुहर्रम के इस पाक मौके पर हमें इंसान और इंसानियत की हिफाजत के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की भावना के साथ निर्भीकता से इंसाफ की लड़ाई लड़ने का संकल्प लेना चाहिए।
शांति, भाईचारे के साथ मुहर्रम मनाएं।
#ताजिया और निशान की लंबाई को बिजली के तारों की ऊंचाई को देखते हुए नियंत्रित रखें और बिजली के करंट के खतरे को समझें, सावधानी के साथ लाएं, ले जाएं।
किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।
असामाजिक तत्व, भ्रामक खबर, संदेहास्पद वस्तु और व्यक्ति की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें।
शांति समिति के सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मुहर्रम कमेटी के वॉलंटियर्स, पदाधिकारियों से संपर्क में रहें।
शरारती और सांप्रदायिक सोंच का व्यक्ति कोई भी हो वह पूरे समाज, मुहल्ले, शहर और जिले के लिए नुकसानदायक है उसे रोकना और उसके इरादों को कुचलना हम सबकी जिम्मेदारी है।
साथ आएं, साथ रहें, मिल जुलकर मनाएं हर पर्व और त्योहार।
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