संतकबीरनगर, उत्तर प्रदेश।
निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया। श्रीहरिनारायण विष्णु से सुख-समृद्धि व स्वास्थ्य रक्षा की प्रार्थना की।
खलीलाबाद के समय माता मंदिर और श्रीलक्ष्मीनरायण मंदिर में सुबह पूजन हुआ। एकादशी पर स्वयं, परिवार व सगे-सबंधियों के साथ कल्याण की प्रार्थना हुई। ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य डा. सुजीत महाराज के अनुसार हर माह दो बार एकादशी पड़ती है। इसमें पूजन व दान का महत्व है। एक बार महर्षि व्यास जी से भीम ने कहा कि भगवन! युधिष्ठिर, अर्जुन, नकुल, सहदेव, माता कुंती और द्रौपदी, सभी एकादशी व्रत रखते हैं। मुझसे भी व्रत रखने को कहते हैं लेकिन मैं तो बिना भोजन के रह नहीं सकता। व्यास जी ने भीम को समझाते हुए कहा कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष निर्जला एकादशी व्रत से अनेक एकादशी का फल मिलता है। परोपकार, दान-पुण्य, भोजन कराना फलदायी है। निर्जला सनातन धर्म में श्रीहरि को सर्वाधिक प्रिय एकादशी व्रत है। इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत व भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने की परंपरा है। विश्वंभरा संस्थान की सरस्वती कश्यप के नेतृत्व में बालिकाओं व महिलाओं ने रंगोली सजाकर पूजन-अर्चन किया।
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