Tranding

इंसानियत की भलाई दीन-ए-इस्लाम के अंदर - मुफ्ती अख़्तर

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में महाना दीनी महफ़िल हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज रहमत अली निजामी ने की। नात-ए-पाक हाफिज सैफ अली ने पेश की।

मुख्य वक्ता मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि हम मुसलमान हैं। हमारा दीन इस्लाम है, यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। पूरी इंसानियत की भलाई दीन-ए-इस्लाम के अंदर है। दीन-ए-इस्लाम ने लोगों को मोहब्बत का पैग़ाम दिया है। दीन-ए-इस्लाम जोड़ता है, सबका भला चाहता है। मुसलमान अमन का पैरोकार है वो दुनिया में शांति चाहता है। कुरआन-ए-पाक में सारी समस्याओं का हल और सही रहनुमाई है। इस्लामी तालीम में वही सबसे अच्छा मुसलमान है जो कुरआन-ए-पाक सीखे और सिखाए जिससे अल्लाह की मारफत हासिल हो। दिल को अल्लाह के जिक्र से खाली नहीं रखना चाहिए।  

उन्होंने कहा कि अल्लाह ने दुनिया की तमाम मख्लूकात को बनाने के बाद सबसे आला दर्जा इंसान को अता किया और इस सिलसिले में उनकी हिदायत के लिए पैगंबरों का सिलसिला जारी फरमाया और पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नुबूवत का सिलसिला खत्म फरमाया। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की दुनिया में तशरीफ आवरी एक ऐसा तारीख साज लम्हा और अज़ीम इंकलाब है जिसने कायनात को एक नई सिम्त, नया मोड़ और फलाह व कामरानी का एक नया दस्तूर अता किया। 

उन्होंने आगे कहा कि महज दौलत से दिल में अंधेरा होता है और इल्म से दिल को रोशनी मिलती है। इल्म से दूरी या इल्म वालों से बुग्ज और पढ़ने लिखने से दूरी इंसान को हलाकत तक पहुंचा देती है। इल्म पैगंबरों की मीरास और माल कुफ्फार, फिरौन और कारून की मीरास है।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर पूरी दुनिया में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। महफ़िल में ज़ैद, रूशान, आकिब, राजिक हुसैन, मुख्तार आलम अशरफी, हाजी बदरुल हसन, इरफान, मोहम्मद आरिफ, हसन अली सहित तमाम लोगों ने शिरकत की।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
69

Leave a comment

Most Read

Advertisement

Newsletter

Subscribe to get our latest News
Follow Us
Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025