सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर उत्तर प्रदेश।
उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा।
1. सवाल : जकात की रकम किस्तों में दे सकते हैं? (गज़नफर, रहमतनगर)
जवाब : अगर कोई मजबूरी हो कि रकम इकठ्ठी नहीं दे सकता तो किस्तों में भी देने से अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज)
2. सवाल : बालिग लड़का जिसे अभी दाढ़ी नहीं आई है क्या उसे इमाम बनाया जा सकता है? (ताबिश, गाज़ी रौजा)
जवाब : अगर उसमें इमामत के दीगर शराइत भी पाए जाते हैं तो उसे इमाम बनाने में कोई हर्ज नहीं। (मुफ्ती अख्तर)
3. सवाल : केकड़ा खाना या उसका सूप पीना कैसा? (राजिक, तिवारीपुर)
जवाब : जायज़ नहीं बल्कि हराम है। (मौलाना मोहम्मद अहमद)
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