सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा, एतिकाफ, शबे कद्र आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन ओ सुन्नत की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : क्या मोअतकिफ (एतिकाफ करने वाला) खाने, पीने और सोने के लिए मस्जिद से बाहर जा सकता है? (हुसैन अहमद, सूर्यविहार कॉलोनी)
जवाब : नहीं। मोअतकिफ मस्जिद ही में खाए, पिए और सोए उसे इन कामों के लिए बाहर जाने की इजाज़त नहीं। हां, खाने, पीने और सोने में एहतियात लाज़िम है कि मस्जिद आलूदा (गंदी) न हो। (मुफ्ती मेराज)
2. सवाल : घर में झाड़ू देते वक्त गर्द ओ गुबार हलक में चला जाता है क्या इससे रोज़ा टूट जाएगा? (अब्दुल, लालडिग्गी)
जवाब : नहीं। झाड़ू लगाते वक्त गर्द ओ गुबार के हलक में चले जाने से रोज़ा नहीं टूटेगा। इसी तरह ख़ुशबू और धुआं या किसी बू वाली चीज़ बिला इरादा जाने से भी नहीं टूटेगा। अगरचे रोज़ेदार होना याद हो। (मुफ्ती अख़्तर)
3. सवाल : रोज़े की हालत में नाक में स्प्रे या दवा डाल सकते है? (अब्दुल समद, तुर्कमानपुर)
जवाब : नहीं। रोज़े की हालत में नाक में स्प्रे या दवा डालने से रोज़ा टूट जाएगा। (मौलाना मोहम्मद अहमद)
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