सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
नूरानी मस्जिद हुमायूंपुर उत्तरी के इमाम हाफिज मो. अशरफ़ ने बताया कि पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि दुआ बंदे की तीन बातों से खाली नहीं होती। पहला उसका गुनाह बख़्शा जाता है। दूसरा उसे फायदा हासिल होता है। तीसरा उसके लिए आखिरत में भलाई जमा की जाती है। मुकद्दस रमज़ान में तो दुआएं ज्यादा कुबूल होती हैं इसलिए मुकद्दस रमज़ान में दुआएं जरूर मांगी जाए। इफ्तार के समय की दुआ खाली नहीं जाती। रोजेदार के लिए तो फरिश्ते व दरिया की मछलियां तक दुआ करती हैं। दुआ मांगने का पहला फायदा यह है कि अल्लाह के हुक्म की पैरवी होती है कि उसका हुक्म है कि मुझसे दुआ मांगा करो। दुआ मांगना सुन्नत भी है।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025