सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मजलिस असहाबे कलम गोरखपुर द्वारा हिंदी में प्रकाशित 'रमजान के मसाइल' नामक पुस्तक का विमोचन चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में जुमा की नमाज के बाद मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी व नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी द्वारा किया गया। पुस्तक में रोज़ा, सहरी, इफ़्तार, तरावीह, एतिकाफ़, शबे कद्र, ईद, चांद रात व मुक़द्दस तारीखों का उल्लेख किया गया है। पुस्तक की 1100 प्रतियां अवाम में मुफ्त बांटी जाएंगी।
युवा लेखक हाफिज अशरफ रज़ा द्वारा लिखी गई पुस्तक 'रमज़ान के मसाइल' के विमोचन के अवसर पर गोष्ठी हुई। जिसमें मुफ्ती अख्तर हुसैन व मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि आधुनिक युग में रोज़े के ताल्लुक से इस्लामी तालीम आसान हिंदी ज़ुबान में पेश करके हाफिज अशरफ रज़ा ने बहुत ही उम्दा काम किया है। हर दौर में इस्लाम धर्म के विद्वान इस्लामी शिक्षा को आम और सादा जुबान में पेश करते रहे हैं। पुस्तक में रमज़ान के रोज़ों व अन्य इबादतों के बारे में संक्षेप में ठोस प्रमाणों के आधार पर पेश किया गया है। इस पुस्तक से रोज़ेदारों को रमज़ान के रोज़े व अन्य इबादतों को अदा करने में मदद मिलेगी। इस पुस्तक को सभी को पढ़ना चाहिए। पुस्तक के लेखक हाफिज अशरफ रज़ा ने बताया कि रोज़ेदारों की सहूलियत के लिए पुस्तक लिखी गई है। हाफिज अशरफ को हाफिज नजरे आलम कादरी, मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, मौलाना दानिश रज़ा अशरफी, मौलाना महमूद रज़ा कादरी, हाफिज आमिर हुसैन, हाफिज रहमत अली निजामी, सैयद नदीम अहमद, अली गजनफर शाह, समीर अली आदि ने मुबारकबाद पेश की।
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