करीब 13 घंटा 21 मिनट का रहा दूसरा रोज़ा।
सैय्यद फरहान
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
माह-ए-रमज़ान का दूसरा रोज़ा अल्लाह की हम्दो सना व इबादत में बीता। दूसरा रोज़ा करीब 13 घंटा 21 मिनट का रहा, बंदों ने अल्लाह की रज़ा के लिए यह वक्त भूखे प्यासे रहकर गुजारा। चारों तरफ नूरानी माहौल है। लोगों के सरों पर टोपियां, हाथ में तस्बीह है। मस्जिदें भरी हुई हैं। घरों में भी इबादत हो रही है। कुरआन-ए-पाक की तिलावत जारी है। सभी की जुबां पर सुब्हानअल्लाह, अलहम्दुलिल्लाह, अल्लाहु अकबर का वजीफा है। कसरत से कलमा पढ़ा जा रहा है। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में दरुदो सलाम का नज़राना पेश किया जा रहा है। अल्लाह के बंदे दिन में रोज़ा रखकर व रात में तरावीह की नमाज़ पढ़कर अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे है।
बुधवार की सुबह सभी ने सहरी खाई। दिन भर इबादत की। घरों में दोपहर से इफ्तार बननी शुरु हुई। शाम तक इफ्तार तैयार हो गई। लजीज व्यंजन दस्तरख्वान पर सजाए गए। सबने मिलकर दुआ की। तय समय पर सभी ने मिलकर रोज़ा खोला और अल्लाह का शुक्र अदा किया। मस्जिदों व मदरसों में तरावीह नमाज़ के लिए भीड़ उमड़ रही है। नमाज़ खत्म होने के बाद सहरी के सामानों की खरीदारी शुरु हो रही है। बाजारों व मुस्लिम मोहल्लों में देर रात तक रौनक बनी रही।
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