रिपोर्ट - धनंजय शर्मा
बेल्थरा रोड, बलिया।
सूफी दरबार, सखी दरबार' के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के बलिया जिला स्थित ग्राम पशुहारी में पूर्वांचल के प्रख्यात आध्यात्मिक संत हजरत सूफ़ी मोहिउद्दीन चिश्त रहमानी रहमतुल्लाह अलैहे का "26 वां सालाना उर्स मुबारक" 24 फरवरी दिन शनिवार को परंपरागत ढ़ंग से संपन्न होगा। जिसमें बिहार सहित उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर, देवरिया, मऊ और आजमगढ़ आदि जिलों सहित अन्य पास पड़ोस के इलाकों के हजारों श्रद्धालु सूफी दरबार में चादर, फातिहा और शिरनी आदि का नजरान-ए-अकीदत (चढ़ावा) पेश कर लाभांवित होंगे।
उर्स प्रबंधन समिति के प्रवक्ता मुनीर अहमद मोमिन ने बताया कि सज्जादानशीं हजरत रज़ी चिश्ती (रिटायर्ड जिला जज) के मार्गदर्शन व सानिध्य में दो चरणों में संपन्न होने वाले इस उर्स में 23 फरवरी शुक्रवार को जुमा की नमाज़ के बाद गुसुल व संदल का कार्यक्रम संपन्न होगा। तथा 24 फरवरी शनिवार को बाद नमाज़-ए-मगऱिब सायं 6:15 बजे चादरपोशी और उसके बाद सज्जादानशीं हजरत रज़ी चिश्ती के आध्यात्मिक संबोधन (प्रवचन) के उपरांत रात 9:00 बजे से रोहतास (बिहार) के प्राख्यात ख़ानकाही कव्वाल मुबारक वारसी के सुफियाना कलामों द्वारा महफिले शमा (कव्वाली) का कार्यक्रम होगा। तत्पश्चात 25 फरवरी रविवार को सुबह आख़िरी कुल रंगे महफिल के बाद उर्स शरीफ का विधिवत समापन होगा। हजरत सूफी साहेब रह. के अनुयायियों (भक्तों) ने सूफी-संतो के अकीदत मंदों (आस्थावान) एवं श्रद्धालुओं से अधिकाधिक संख्या में उर्स शरीफ में शामिल होकर सवाबे दारेन हासिल करने की अपील की है।
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