गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
इमाम हुसैन न होते तो कर्बला न होती और बीबी जैनब न होती तो दुनिया को कर्बला मे नबी के घराने के साथ हुए जुल्म सितम की खबर ही न होती।
हुसैन इब्ने अली ने कर्बला में अपनी शहादत देकर नाना के दीन को बचाया तो वहीं बहन ज़ैनब ने सारी दुनिया को यज़ीद इब्ने माविया के दरबार में कर्बला में आले रसूल पर हुए जुल्म को बता कर नाना मोहम्मद के दीन ए इस्लाम को बचाया।
बीबी जैनब ने दरबार ए यज़ीद में खड़े होकर कर्बला का जो मंजर दिखाया उसने यज़ीदी जुल्म की चूलें हिलाकर रख दीं।
नतीजा ये हुआ की यज़ीद इब्ने माविया जिल्लत के समंदर में डूब गया, जबकि हुसैन इब्ने अली आफताब की तरह पूरी दुनिया में रोशन हो गए।
आइये हम सब मिलकर बीबी जैनब की सुन्नत पर अमल करते हुए 14 फरवरी की दोपहर में अली बॉयज कमेटी की जानिब से गोलघर पुलिस चौकी के सामने (इंदिरा तिराह) पर इकट्ठा होकर नवासा ए रसूल की विलादत का जश्न मनाएं और सबील ए हुसैन सजायें।
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