गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
- करवा चौथ पर महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार का विधान है। सामर्थ्य के अनुसार मेंहदी आदि रचाकर मंगल कामना हुई। घरों में छोटी-छोटी बच्चियों ने मेंहदी लगाया। कुछ ने ब्यूटी पार्लर में जाकर मेंहदी रचाया। समय व संस्कृति के बदलते क्रम में तौर-तरीके बदले लेकिन आस्था व विश्वास में कोई परिवर्तन नहीं है।
सुहागिनों के लिए करवाचौथ व्रत सबसे अहम है। करक चतुर्थी के दिन सिर्फ निर्जल-निराहार व्रत ही नहीं सुखद व सौभाग्य का अनुभूति भी है। व्रती महिलाओं ने गजानन भगवान श्रीगणेश से पति की लंबी उम्र मांगा। सुहागिनों ने भविष्य में होने वाली अनिष्ट के समूल नाश की प्रार्थना की।
पर्व पर महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी काफी उत्साह देखा गया। सुबह से ही पुरुष घर का पूरा करने के साथ महिलाओं के लिए करवाचौथ के पूजन की सामग्री एकत्र करते रहे। पूजा की जहां थाल सजाया वहीं दूर रहने वालों ने फोन से हालचाल लिया। कुछ महिलाओं ने मोबाइल से वीडियो काल करके पारण किया। पर्व महिलाओं को उपहार भी भेंट किए गए। घर-आंगन, मंदिर के साथ बाजार में उमंग रही।
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