शिया समुदाय द्वारा 12 से 17 रबिलव्वल तक
पैगम्बर मुहम्मद साहब के जन्मदिन का जश्न हफ्ता ए वहदत के रूप में मनाया जाता है।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
पैगम्बर मुहम्मद साहब का जन्मदिन जश्ने ए ईदमिलादुन्नबी के रूप में मनाया गया।
इस अवसर पर शिया समुदाय द्वारा नबी का जन्मदिन वक़्फ़ इमामबाड़ा अशरफुननिशा खानम में मनाया गया। बताते चलें कि पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्म दिन का जश्न हफ्ता ए वहदत के रूप में 12 से 17 रबिलव्वल तक मानया जाता है।
इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम का प्रारम्भ कलाम ए इलाही की तिलावत से कारी उस्मान ने किया। कार्यक्रम का संचलन करते हुए मौलाना शमशाद अब्बास ने सबसे पहले सरकार ए दो आलम, सरवर ए कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स0अ0) की यौमे विलादत की सबको पुरखुलूस मुबारकबाद दिया। महफ़िल ए मिलाद कार्यक्रम की अध्यक्षता उ0 प्र0 उर्दू एकेडमी के चेयरमैन चौधरी कैफुलवरा ने किया। इस मौके पर आयोजित महफ़िल ए मिलाद में शायरों ने अपने कलाम से खूब वाहवाही लूटी। अपनी तक़रीर में मौलाना शमशाद अब्बास ने नबी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए रास्ते पर चलते हुए अल्लाह की रज़ा हासिल करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद साहब को रहमतुल लिल आलमीन कहा जाता है यानी उनकी रहमत किसी एक धर्म या जाति के लिए नही बल्कि पूरी दुनिया के लिए है।
कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष चौधरी कैप्सूल वाला को शाल ओढ़ा कर रफत हुसैन ने स्वागत किया और मिर्जा अली ने फूल माला पहनकर उनका स्वागत किया।
इस दौरान शायर वसीम मज़हर, अब्दुल्लाह जामी, शाकिर अली शाकिर, ईं0 कैसर अब्बास, मिर्ज़ा अली, जव्वाद रिज़वी और शारिब रिज़वी ने अपने कलाम पेश किया।
कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति के अध्यक्ष एजाज रिज़वी ने आयोजन में शामिल सभी लोगों समेत उर्दू एकेडमी के चेयरमैन चौधरी कैफुलवरा का शुक्रिया अदा किया और कहा कि सरदार ए अम्बिया की विलादत के इस जश्न को पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाएगा । इस सिलसिले में 2 अक्टूबर यानी 16 रबिलव्वल को एक महफ़िल ए नमिलाद का आयोजन किया जा रहा है जिसमें स्थानीय शायरों के अलावा बाहर से आये शायर नबी की शान में अपना कलाम पेश करेंगे । उन्होंने सभी धर्मों और समुदाय के लोगों से शिरकत की गुज़ारिश की है।
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