सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर बहरामपुर ज़फ़र कालोनी स्थित मस्जिद जामेनूर में जलसा हुआ। मौलाना रियाजुद्दीन कादरी व मौलाना सद्दाम हुसैन निजामी ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को नूर बनाकर भेजा है, इसलिए पैग़ंबरे इस्लाम ने दुनिया में तशरीफ लाने के बाद अपने नूर की रौशनी से जिहालत को इल्म में, बदकिरदारी को अच्छे किरदार में, जुल्म व सितम की तारीकी (अंधकार) को अच्छे बर्ताव में, बेइंसाफी की तारीकी को इंसाफ और आपसी भाईचारा में बदल दिया। आज हमारे समाज में जो बेचैनी पाई जा रही है, वह इसलिए है कि हम पैग़ंबरे इस्लाम के बताए हुए रास्ते से भटक गए हैं, अगर हमें सुकून हासिल करना है तो हमें पैग़ंबरे इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलना होगा। इससे हमारे समाज की बुराईयां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क की तरक्की, खुशहाली व भाईचारे की दुआ मांगी गई। जलसे में मुख्तार अहमद, कारी जमील मिस्बाही, हाफिज अब्दुल कय्यूम, कैसर रजा, हाफिज हारून आदि मौजूद रहे।
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